अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 2022 के उपलक्ष्य पर ‘एसडीजी5 कम्पेटिबल चंडीगढ़ 2030 अभियान’ का की किया शुभारंभ
डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ – 11 अक्टूबर :
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 2022 के अवसर पर, एक अद्वितीय ‘एसडीजी5 कम्पेटिबल चंडीगढ़ 2030 अभियान’ व ‘पिंक टर्बन अभियान’ 56 मेंबर्स स्टूडेंट्स स्ट्रांग गर्ल्स पार्लियामेंट के साथ धनास के गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शुरू किया गया।
यह कार्यक्रम एनजीओ युवसत्ता (यूथ फ़ॉर पीस) और स्टेट लीगल सर्विसेस ऑथोरिटी, यू.टी. द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। इस अवसर पर एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज व मेंबर सेक्रेटरी स्टेट लीगल सर्विसेस अथॉरिटी यू.टी. श्री सुरेन्द्र कुमार मुख्य अतिथि थे तथा सीसीपीसीआर-चंडीगढ़ कमीशन फ़ॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स की पूर्व चेयरपर्सन प्रो. देवी सिरोही ने इस पहल की अध्यक्षता की।
इस पहल के बारे में जानकारी देते हुए राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता स्कूल की प्रधानाचार्य श्रीमती सीमा रानी ने बताया कि आज उनके स्कूल के 1500 से अधिक छात्रों ने ‘पिंक टर्बन अभियान’ में पूरे दिल से भाग लिया, जिसमें छात्राएं और महिला शिक्षक पगड़ी के रूप में गुलाबी दुपट्टे पहनकर आई थीं। एकजुटता दिखाने के लिए लड़के गले में गुलाबी रंग का स्टोल पहनकर आए। प्रो. देवी सिरोही ने कहा कि पगड़ी उन सभी क्षेत्रों में आदर व सम्मान का प्रतीक है जहां इसे पहनने की प्रथा है, विशेष रूप से उत्तर भारत में, जहां सबसे खराब प्रकार के लिंगानुपात और कन्या भ्रूण हत्या के मामले हैं। गुलाबी रंग करुणा, पोषण और प्रेम का प्रतिनिधित्व करता है। हमारा विचार है कि पगड़ी और गुलाबी रंग का उपयोग करना ‘उभरती कन्याओं और सशक्त महिलाओं’ का एक स्पष्ट और मजबूत संदेश देना है।
एसडीजी5 के लक्ष्य को साकार करने के पूरे प्रयास तथा चंडीगढ़ में वर्ष 2030 तक लैंगिक समानता हासिल करने की सराहना करते हुए सुरेंद्र कुमार ने कहा कि इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस का थीम ‘हमारा समय अभी है-हमारे अधिकार, हमारा भविष्य’ है और दुनिया भर में लड़कियों को उनकी शिक्षा, उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य और हिंसा के बिना जीवन के लिए आवश्यक सुरक्षा के लिए अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। चंडीगढ़ में वे निश्चित रूप से समान विचारधारा वाले संस्थानों और एनजीओ के साथ ‘एसडीजी5 कम्पेटिबल चंडीगढ़ सिटी’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए एक आधार तैयार कर सकते हैं, जो दुनिया के लिए एक आदर्श मॉडल हो सकता है।
युवसत्ता के संस्थापक प्रमोद शर्मा ने साझा किया कि यूएन वीमेन एंड द यूएन डिपार्टमेंट ऑफ इकनोमिक एंड सोशल अफेयर (यूएन डीईएसए) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, पूर्ण लैंगिक समानता प्राप्त करने के लिए, 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में से एक, यदि प्रगति की वर्तमान दर जारी रहती है, तो लगभग 300 वर्ष लग सकते हैं। लेकिन उन्होंने युवसत्ता एनजीओ में 2030 तक चंडीगढ़ में पूर्ण लैंगिक समानता-एसडीजी 5 हासिल करने का लक्ष्य रखा है। 2030 तक चंडीगढ़ 0% के साथ सभी लड़कियों के लिए विकास के समान अवसरों वाला दुनिया का पहला शहर बन जाना चाहिए। लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ अपराध, सभी प्रमुख पदों पर लड़कियों और महिलाओं के साथ-साथ यह ‘गर्ल्स इंडिया’ के सपने को साकार करने के लिए ‘गर्ल्स पावर’ की बहुत जरूरी प्रेरणा प्रदान करता है।
इस अवसर पर विक्रम जीत गोडवानी हेल्पलाइन मैनेजर, वीमेन एंड चाइल्ड हेल्पलाइन 181 (यूनिट ऑफ डिपार्टमेंट ऑफ सोशल वेलफेयर, वीमेन एंड चाइल्ड डेवेलपमेंट चंडीगढ़) ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्रों को भी संबोधित किया।
वर्तमान पहल में युवसत्ता ने अपने ‘गर्ल्स इंडिया’ कार्यक्रम के तहत स्टेट लीगल सर्विसेस ऑथोरिटी के साथ निकट सहयोग में, 11 अक्टूबर, 2022-अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस से 24 जनवरी 2023- राष्ट्रीय बालिका दिवस तक इसी तरह की पहल के साथ 50 से अधिक स्कूलों और कॉलेजों को कवर करने की योजना बनाई है और बाद में पांच सर्वश्रेष्ठ भाग लेने वाले स्कूलों / कॉलेजों को 30 जनवरी, 2023-महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर विशेष सम्मान / आगे की मान्यता दी जाएंगी।