नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में घिरे लालू प्रसाद यादव के खिलाफ CBI ने चार्जशीट दायर की है। आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में नौकरी दी और उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा लीं। चार्जशीट में CBI ने लालू प्रसाद के अलावा राबड़ी देवी और 14 अन्य को आरोपी बनाया है।
- नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है
- CBI ने लालू यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नयी दिल्ली/पटना – 07 अक्तूबर :
नौकरी के बदले जमीन घोटाले में सीबीआई ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। इस चार्जशीट में उनके अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और 13 अन्य लोग शामिल हैं। एक तत्कालीन जीएम अब रिटायर हो चुके हैं, उनके खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल किया गया है। परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ भी जांच हो सकती है। इस चार्जशीट में लालू के बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का नाम नहीं है।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ रेलवे में उनके कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर जमीन के बदले नौकरी घोटाले में चार्जशीट दाखिल किया है। उन्होंने कहा कि लालू की बेटी मीसा भारती और रेलवे के एक पूर्व महाप्रबंधक को भी हाल ही में सीबीआई की विशेष अदालत में दायर चार्जशीट में आरोपी बनाया गया है।
रेलवे के समूह में नौकरी देने का मामला काफी पुराना है। लालू प्रसाद 2004 से 2009 के बीच केंद्र की यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहे। उन पर आरोप है कि पद पर रहते हुए उन्होंने बिहार में बड़ी संख्या में लोगों को रेलवे में नौकरी देने का प्रलोभन दिया और बदले में उनसे जमीन ली। सीबीआइ ने करीब एक वर्ष पहले 23 सितंबर को इस मामले की प्रारंभिक जांच शुरू की। पुख्ता सबूत हाथ लगने के बाद सीबीआइ ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की। सीबीआइ ने आरोप प्रमाणित होने के बाद इसी वर्ष 20 मई को लालू के पटना स्थित आवास के साथ ही देश के अलग-अलग 17 ठिकानों पर छापे मारे। लालू के साथ उनकी पत्नी राबड़ी देवी, पुत्री मीसा भारती, हेमा यादव एवं जमीन देकर नौकरी लेने वाले कुछ अन्य लोगों पर केस दर्ज किया गया था। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि पटना में करीब 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन प्रसाद के परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को नकद भुगतान कर अधिग्रहित की थी।
इसी मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो के आफिसर आन स्पेश ड्यूटी (ओएसडी) रहे भोला यादव को जुलाई में सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था। भोला 2005 से 2009 तक लालू के ओएसडी थे। जांच एजेंसी ने पटना से लेकर दरभंगा तक के भोला के ठिकानों पर छापे मारे थे। उनपर आरोप है कि पटना में कुछ संपत्तियों के मालिकों तथा उनके परिवार के सदस्यों को रेलवे में नौकरी देने के बदले में उनकी संपत्तियों को पूर्व मंत्री के परिवार के सदस्यों को बेच दिया गया या भेंट के तौर पर दिया गया था। मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर एवं हाजीपुर के रेलवे जोन में नौकरी पाने वाले 12 लोगों के अलावा राजद सुप्रीमो, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव को इस मामले में नामजद किया है।