डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, पंचकूला – 6 अक्टूबर :
हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री चन्द्र मोहन ने कहा कि चौधरी भजनलाल एक महान् व्यक्तित्व के धनी , सदाशयता और विनम्रता की प्रतिमूर्ति एक महान युगदृष्टा थे। जिनकी सोच गुरु जम्भेश्वर भगवान की के आदर्शो के प्रति समर्पित थी और इसी से अभिप्रेरित होकर उन्होंने जीवन पर्यन्त लोगों की भलाई के लिए अनेक कार्य किए जिनका उल्लेख करना दुष्कर कार्य है।
यह उदगार आज चन्द्र मोहन ने यहां चौधरी भजनलाल को उनके 93 जन्म दिवस के अवसर पर उन्हें अपने भावभीने श्रद्धा सुमन अर्पित करने के उपरांत उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
चन्द्र मोहन ने कहा कि वह केवल मेरे पिता ही नहीं अपितु वह उस गरीब, पिछड़े और दलित की आवाज भी थे जो किसी न किसी अभाव से ग्रस्त थे। उन्होंने कहा कि चौधरी भजनलाल ने जीवन में एक ही मंत्र हमें दिया था और वह मंत्र था , निस्वार्थ भाव से मानवता और गरीब की सेवा करना। गरीब की सेवा भगवान की सेवा है ।राजनीति में सत्ता आती जाती रहती है, लेकिन मानवता सदैव ही जीवित रहेगी। करुणा और दया की प्रतिमूर्ति, गरीबों की आवाज चौधरी भजनलाल आभामंडल के एक ऐसे चमकिले सितारे की तरह थे, जिन्होंने अपनी योग्यता और क्षमता तथा दक्षता के आधार पर से जनसेवा करके गरीब की दुआएं अर्जित की वही हरियाणा के इतिहास में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया।
उन्होंने कहा कि भगवान के आशीर्वाद से ही महान विभूति थोड़े समय में ऐसे काम कर जाते हैं जिनकी चर्चा सदैव ही प्रेरित करती रहती है। गुरु जम्भेश्वर के आदर्शो पर चलकर ही चौधरी भजनलाल ने हरियाणा का मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहते हुए जनता की भलाई और गरीबों के उत्थान और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अनेक ऐसे कार्य किए जो आज इतिहास की एक अमिट धरोहर बन गए हैं। उन्होंने कहा कि कहां तो पाकिस्तान के बहावलपुर में जहां चौधरी भजनलाल 6 अक्टूबर 1930 को पैदा हुए लेकिन भाग्य उन्हें भारत खींच लाया और उन्होंने आदमपुर को अपनी कर्मभूमि बनाया।कठिन परिश्रम और पुरुषार्थ के बल पर और परमात्मा की अनुकम्पा से उन्होंने राजनीति की शुरुआत एक सरपंच के रूप में शुरू की और उसके पश्चात ब्लाक के चेयरमैन, विधायक, मन्त्री और मुख्यमंत्री सहित केन्द्रीय मंत्री के पद को भी सुशोभित किया।
चन्द्र मोहन ने कहा कि चौधरी भजनलाल सामाजिक मूल्यों के प्रति उनकी संवेदनशीलता और समाज के गरीब लोगों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें एक ऐसे असीम व्यक्तित्व का धनी बना दिया जो इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो गया है। गरीबों के प्रति उनकी सोच ने उन्हें एक ऐसा अनूठा आयाम प्रदान किया जिनके आशीर्वाद से वह प्रदेश के सबसे लम्बे समय तक मुख्यमंत्री रहने के साथ साथ प्रदेश में सबसे लम्बे समय तक यानी 9 बार विधायक भी रह रहे। अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए जहां उनके लिए अनुसूचित जाति कल्याण निगम और पिछड़े वर्ग कल्याण निगमों की स्थापना की गई वहीं लड़कियों और विशेषकर गरीब लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बी.ए तक और तकनीकी संस्थानो में भी मुफ्त शिक्षा का प्रावधान किया गया ताकि लड़कियां अपने माता-पिता पर किसी भी प्रकार का बोझ ना बन सके और जन्म लेने वाली कन्याओं के लिए अपनी बेटी अपना धन नामक अनूठी योजना की शुरुआत की जिसका अनुशरण आज न केवल राष्ट्रीय स्तर पर अपितु अनेक राज्यों द्वारा भी किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सतलुज-यमुना सम्पर्क नहर चौधरी भजनलाल सपनों की नहर थी और वह उनके दिल के बहुत ही करीब थी। उन्होंने इसे पूरा करवाने के लिए हर संभव प्रयास किए। इसके निर्माण पर अपने शासनकाल मे 595 करोड़ रुपए खर्च करके इस नहर का 95 प्रतिशत कार्य पूरा करवा दिया था जो बाद में उग्रवाद की भेट चढ़ गई। उन्होंने कहा कि चौधरी भजनलाल ने किसानों की वेदना और पीड़ा को महसूस करते हुए ही पांच राज्यों के बीच एक सूत्रधार के रूप में भूमिका निभाते हुए यमुना समझोता किया । इस ऐतिहासिक समझौते के कारण ही आज हरियाणा प्रदेश को 20 प्रतिशत पानी अधिक मिल रहा है । मैं हरियाणा सरकार से मांग करता हूं कि चौधरी भजनलाल के नाम पर पंचकूला में बनने वाले विश्वविद्यालय का नाम उनके नाम पर रखा जाए क्योंकि पंचकूला को पैरिस बनाने की शुरुआत चौधरी भजनलाल की कलम से ही हुई थी।महान व्यक्तित्व के धनी, गरीबों के मसीहा के आदर्शों और सिद्धांतों को आत्मसात करते हुए हम सभी मिलकर इस प्रदेश के विकास में अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं ।