छछरौली में हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया दशहरा का पर्व
कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रंट, छछरौली/यमुनानगर – 6 अक्तूबर :
पूरे भारत में दशहरा के पर्व को बड़े ही उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। भारत में विभिन्न स्कृतियां होने के बावजूद, यह किसी भी तरह से इस त्योहार के उत्साह को प्रभावित नहीं करती है।
दशहरा के त्योहार में सभी का उत्साह और जोश एक समान रहता है। इसी कड़ी में नवजीवन जन कल्याण वैल्फेयर सोसाइटी छछरौली के द्वारा हर साल की भांति एसएस स्कूल छछरौली के प्रांगण में दशहरा का पर्व बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया जिसमे आम आदमी पार्टी के अम्बाला लोकसभा क्षेत्र संगठन मंत्री चौधरी आदर्श पाल ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की।
इस मौके पर नवजीवन जन कल्याण वैल्फेयर सोसाइटी छछरौली के अध्यक्ष जगमोहन (जग्गी), अमरनाथ चोटानी, रविरंजन बैनीवाल, याद राम नम्बरदार, विशाल सिंगला, रोमी जगाधरी, बसपा के जिला सचिव राजेश कटारिया, अजय शर्मा समेत गणमान्य लोगों ने कार्यक्रम में शिरकत की।
इस मौके पर बोलते हुए आप नेता आदर्श पाल ने कहा कि दशहरा को भारत के कुछ क्षेत्रों में विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है। यदि हम क्षेत्रीय और जातीय मतभेदों को अलग रखकर विचार करें, तो इस त्योहार के आयोजनों का एक ही मकसद है और वह है बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देना। दूसरे शब्दों में, यह त्योहार बुराई की शक्ति पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
हिंदू पौराणिक कथाओं पर नजर डालें, तो कहा जाता है कि इसी दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध कर दिया था। अन्य परंपराओं का यह भी मानना है कि भगवान राम ने दशहरा के दिन ही असुरों के महान राजा रावण से युद्ध किया था और उसे पराजित कर ये सिद्ध किया था कि बुराई कितनी भी प्रबल क्यों न हो, जीत हमेशा सच्चाई की ही होती है।
इससे हमें यह पता चलता है कि दोनों घटनाओं का परिणाम समान है।
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सभी धर्म के लोग होते हैं होते है शामिल : जग्गी
दशहरा पर्व के आयोजक नवजीवन जन कल्याण वैल्फेयर सोसाइटी छछरौली के अध्यक्ष जगमोहन (जग्गी) ने बताया कि दशहरा का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। रावण दहन का यह कार्यक्रम लोगों को एकजुट करता है, क्योंकि इसके दर्शक न कि केवल हिंदू धर्म से बल्कि सभी धर्म के लोग होते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दशहरा हमें सिखाता है कि अच्छाई हमेशा बुराई को मात देती है और प्रकाश हमेशा अंधेरे पर विजय प्राप्त करता है। हर उम्र के लोग इस मेले का लुत्फ उठाने के लिए यहां उपस्थित होते हैं। बच्चे इस आयोजन का सबसे ज्यादा इंतजार करते हैं और अपने माता-पिता से आतिशबाजी को देखने के लिए ले जाने की जिद करते हैं। वे आतिशबाजी देखते हैं और आश्चर्यजनक दृश्यों का आनंद उठाते हैं।