- सड़कों पर बीरान हो रहा है किसान का सोना, मंडियों से नहीं हो रहा धान का उठान- हुड्डा
- जाम, खरीद और पेमेंट में देरी की समस्या से जूझ रहे हैं किसान- हुड्डा
- पंचायत चुनाव में देरी की वजह से ठप पड़े हैं गांव के विकास कार्य- हुड्डा
डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ – 6 अक्टूबर :
पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मंडियों में व्याप्त अव्यवस्था व किसान की बेकद्री का मुद्दा उठाया है। उनका कहना है कि लाखों मेट्रिक टन धान मंडियों में पहुंच रही है। मंडिया धान से अटी पड़ी है। आलम यह है कि नई फसल उतारने के लिए जगह नहीं है। किसानों को मंडी में पहुंचने के लिए भी कई-कई घंटे के लंबे जाम से होकर गुजरना पड़ता है। फिर भी उन्हें अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली व अन्य वाहनों में फसल रखकर वहीं इंतजार करना पड़ता है। ज्यादातर किसान अपना सोना(धान) सड़कों पर रखने के लिए मजबूर हैं।
हुड्डा ने कहा कि धान का उठान नहीं होने की वजह से खरीद प्रक्रिया भी बुरी तरह बाधित हो रही है। देर से सरकारी खरीद शुरू होने के बावजूद सरकार ने अब तक उठान और फसल के भुगतान की कोई तैयारी नहीं की। जबकि सरकार ने 24 से 48 घंटे में किसानों को भुगतान का वादा किया था। ऐसा लगता है मानो सरकार जानबूझकर अन्नदाता को परेशान कर रही है। उसे अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए जल्द से जल्द उठान और भुगतान करना चाहिए।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आदमपुर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तरह तैयार है। शुक्रवार को चंडीगढ़ में होने वाली बैठक में पार्टी नेता व कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियां निर्धारित कर दी जाएंगी। आदमपुर उपचुनाव की आहट के बाद से ही कांग्रेस को हलके की जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। इससे स्पष्ट है कि चुनाव में कांग्रेस की जीत तय है। क्योंकि मौजूदा सरकार की नीति व कार्यप्रणाली से किसान, मजदूर, कर्मचारी, व्यापारी, नौजवान, विद्यार्थी और बुजुर्ग हर वर्ग परेशान है।
बीजेपी-जेजेपी सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। इवेंट मैनेजमेंट के अलावा इस सरकार की किसी कार्य में दिलचस्पी नहीं है। जनता इसकी सच्चाई को भांप चुकी है। इसलिए बीजेपी-जेजेपी चुनाव से घबराती हैं। यही वजह है कि 2 साल से पंचायत चुनाव को टाला जा रहा है। इसके चलते गांव में विकास कार्य बुरी तरह ठप पड़े हुए हैं। लेकिन अब कोर्ट के आदेश पर मजबूरी में ही सही सरकार को चुनाव करवाने पड़ेंगे।