Monday, December 23

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 05 अक्टूबर 22 :

नोटः आज श्री विजया दशमी व्रत दशहरा है। श्री सरस्वती विसर्जन तथा नवरात्रि पारणा। सीमोल्लघंन, आयुध-पूजा, अपराजिता पूजन।

विजयादशमी का त्योहार वर्षा ऋतु की समाप्ति तथा शरद के आरंभ का सूचक है। इन दिनों में दिग्विजय यात्रा तथा व्यापार के पुनः आरंभ की तैयारियां होती हैं। चौमासे में जो कार्य स्थगित किए गए होते हैं, उनके आरंभ की तैयारिया होती हैं। उनके आरंभ के लिए साधन इसी दिन से जुटाए जाते हैं। क्षत्रियों का यह बहुत बड़ा पर्व है। इस दिन लोग सरस्वती पूजन और क्षत्रिए शस्त्र पूजन आरंभ करते हैं। विजयादशमी या दशहरा इसलिए राष्ट्रीय पर्व है। देश के कोने-कोने में इस पर्व से कुछ दिन पूर्व रामलीलाएं शुरु हो जाती हैं। सूर्यास्त होते ही रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले जलाए जाते हैं।

महिषासुर का नाश करने के लिए सभी देवताओं ने अपने अपने अस्त्र देवी दुर्गा को दिए थे और कहा जाता है कि इन देवताओं के सम्मिलित प्रयास से देवी दुर्गा और बलवान हो गईं थी। इन नौ दिन देवी-महिषासुर संग्राम हुआ और अन्ततः महिषासुर-वध कर महिषासुर मर्दिनी कहलायीं।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944,

मासः आश्विऩ, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः दशमी दोपहरः 12.01 तक है, 

वार : बुधवार। 

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

 नक्षत्रः श्रवण रात्रि 21.15 तक है, 

योगः सुकृत प्रातः 08.20 तक, 

करणः गर, 

सूर्य राशिः कन्या, चंद्र राशिः मकर, 

राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक

सूर्योदयः 06.20, सूर्यास्तः 05.58 बजे।