पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 04 अक्टूबर 22 :
नोटः आज श्री महानवमी व्रत, पूजा, बलिदान, होम हेतु। शारदीय नवरात्रि की आज नवमी तिथि है। इसे महानवमी के रूप में मनाते हैं। महानवमी के अगले दशहरा या विजयादशमी का त्योहार मनाया जाएगा। सनातन धर्म में महानवमी का विशेष महत्व होता है। इस दिन घरों में हवन पूजन के साथ कन्या पूजन किया जाता है। नवमी के दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है।
नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है। जैसा कि इनके नाम से ही स्पष्ट है कि मां सिद्धिदात्री सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली देवी हैं। शास्त्रों के अनुसार महादेव ने भी माता सिद्धिदात्री की कठोर तपस्या कर इनसे सभी आठ सिद्धियां प्राप्त की थीं। इन्हीं देवी की कृपा से ही महादेव की आधी देह देवी की हो गई थी और वे अर्धनारीश्वर कहलाए थे। नवरात्र के नौवें दिन इनकी पूजा के बाद ही नवरात्र का समापन माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व नामक आठ सिद्धियां हैं। ये सभी सिद्धियां मां सिद्धिदात्री की आराधना से प्राप्त की जा सकती हैं। हनुमान चालीसा में भी अष्टसिद्धि नव निधि के दाता कहा गया है। सामान्य रूप से मां सिद्धिदात्री कमल पुष्प पर आसीन होती हैं, हालांकि इनका भी वाहन सिंह है। मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं। इनकी दाहिनी ओर की पहली भुजा मेंं गदा और दूसरी भुजा में चक्र है। बांई ओर की भुजाओं में कमल और शंख है।
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः आश्विऩ,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः नवमी दोपहर 02.21 तक है,
वारः मंगलवार।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः उत्तराषाढ़ा रात्रि 10.51 तक है,
योगः अतिगण्ड प्रातः 11.23 तक,
करणः कौलव,
सूर्य राशिः कन्या, चंद्र राशिः मकर,
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 06.18, सूर्यास्तः 06.00 बजे।