श्री बद्री केदार रामलीला कमेटी की पहल कदमी : शहर के युवाओं को कला के क्षेत्र में दे रही बेहतरीन मंच

  • इस बार स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थियों को भी अपनी प्रतिभा निभाने का सुअवसर दिया जा रहा है जिससे उनके भविष्य के लिए नेतृत्व का एक बेहतरीन मंच प्रदान हो सके : कमेटी के सभापति  भूपेन्द्र  शर्मा


राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : 

              पिछले 18 वर्षो से सेक्टर 45-46 की श्री बद्री केदार रामलीला कमेटी युवाओं खासकर स्कूल व कॉलेजों में पढ़ रहे विद्यार्थियों में नेतृत्व के गुणों के विकास के साथ साथ उनमें धर्म, प्रथाओं, रीति रिवाजों व संस्कृति का विकास कर रही है। यही कारण है कि इस बार भी रामलीला में युवा बढ़ चढ़ कर भाग ले रहे हैं। जो कि उनको  भविष्य में बेहतरीन मंच प्रदान करेगी। यह बात एक पत्रकार वार्ता के दौरान कमेटी के सभापति  भूपेन्द्र शर्मा ने कही।

              सेक्टर 45-46 की श्री बद्री केदार रामलीला कमेटी द्वारा शहर में 26 सितम्बर से सेक्टर 46 स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर के पास ग्राउंड में आगाज कर रही है, जो कि 5 अक्टूबर तक आयोजित की जायेगी। उन्होंने बताया कि अनादिकाल से ही धर्म परायण भारतवर्ष में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचंद्र जी के लौकिक चरित्र को नवरात्रों के शुभ अवसर पर प्रति वर्ष रामलीला के रूप में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। उनका जीवन चरित्र- चित्रण, दुराचार पर सदाचार, पाप पर पुण्य, दुख पर सुख, अज्ञान पर ज्ञान तथा द्वेष पर प्रेम की विजय का प्रतीक है।

              भूपेन्द्र शर्मा ने बताया कि रामलीला एक ऐसा मंचन है जिसमें कलाकार रामायण के विभिन्न पात्रों को सुन व समझकर उसमें खोकर दर्शकों के समक्ष अपनी कला का प्रदर्शन करते है और दर्शकों को भाव विभोर कर देते हैं। दर्शकों को रामायण से बहुत कुछ सीखने को मिलता है उन्हें हमारी संस्कृति व धर्म, रीति रिवाज के बारे में जानकारी प्राप्त होती है और वे अपने सामाजिक दायित्व के बारे में जागरूक होते हैं। उन्होंने बताया कि रामलीला के स्टेज पर बच्चे व युवा रामलीला के विभिन्न पात्रों को बखूबी निभा रहे हैं और दर्शकों से खूब प्रशंसा बटौर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक अभिभावक का प्रथम कर्तव्य है कि वे बच्चों को रामलीला दिखाने लेकर आएं ताकि उनमें संस्कारिक गुणों का विकास हो और वे आध्यात्म की ओर भी अग्रसर हो सके। इससे उनके बच्चे बुरे कामों से भी सदैव अपने आप को बचा कर रखेंगे और सन्मार्ग की ओर बढेंगे।

              रामलीला के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए भूपिंदर शर्मा ने बताया कि 2 अक्टूबर को रामलीला में नाटकीय तौर पर धनुष खण्ड, सीता स्वयंवर,परशुराम-लक्ष्मण संवाद का दृश्य, 3 अक्टूबर को लक्ष्मण शक्ति का दृश्य, 4 अक्टूबर का कुंभकरण, मेघनाथ, रावण वध का दृश्य तथा 5 अक्टूबर का नंदीग्राम में राम-भरत मिलाप एवं राजतिलक का दृश्य दिखाया जायेगा। रामलीला में विभिन्न चरित्रों को स्कूल व कॉलेज में पढ़ने वाले ज्यादातर विद्यार्थी भूमिका निभायेंगे।

              शर्मा ने बताया कि रामलीला का पंडाल  दर्शको की संख्या को देखकर लगाया जायेगा। यहां पर श्रद्धालुओं को पीने का पानी भी समय समय पर दर्शकों को वितरित किया जाता है। उन्होंने बताया कि डेकोरेशन लाइट्स की सहायता से रामलीला का स्टेज को सजाया गया है।

              इस पत्रकार वार्ता में कमेटी के सभापति भूपिंदर शर्मा के साथ कमेटी के प्रधान आनंद प्रकाश शर्मा, दलीप सिंह पंवार, ब्रिज मोहन, प्रेम सिंह नेगी, कमल सिंह बागड़ी, महेश ध्यानी, पूनम कोठारी, वीना, हर्ष पाल पोखरियाल उपस्थित थे।

रामलीला में यह युवा कलाकार निभा रहे रामायण के पात्रों की भूमिका:

राम की भूमिका में हर्ष पाल सिंह, लक्ष्मण की भूमिका में प्रांजल, सीता पार्वती की भूमिका में गुंजन मेहता, हनुमान दशरथ की भूमिका में विनोद कुकरेती, रावण की भूमिका में वरुण भल्ला, भरत सुग्रीव की भूमिका में शिवम, मेघनाथ सुबाहु की भूमिका में धीरज, कैकई ज्ञानवती अहिल्या सुनैना की भूमिका में पूनम, जनक विभीषण की भूमिका में हिमांशु, शत्रुघ्न रावण सेना में शुभम, ताडका मंधार भाट जटायु शांतनु की भूमिका में बृजमोहन, नारद बाणासुर बोंदी केवट में थपलियाल सुमंत केवट सेना में पुनीत, कौशल्या की भूमिका मृदु खर मारीच जोगी रावण की भूमिका में लक्ष्मण, सुमित्रा तारा सीता सखी की भूमिका में दीपाली, बाली परशुराम अंगद की भूमिका में सूरज,  कुंभकरण छवि राजा केवट राज की भूमिका में हर्ष मणि,  भृगु ऋषि व पुजारी की भूमिका में लाखी राम, विशिष्ट मंदोदरी की भूमिका में पुष्कर, सीता सखी की भूमिका में नीतू, खुशी, शिवानी, परी, वानर सेना व राक्षस सेना में आर्यन आरव, धैर्य, सूरज संयम और मोहित अर्णव, साहिल, गोलू, सूरज, बासु, सुशील, राघव