Sunday, December 22

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 2 अक्टूबर 22:

नोटः आज देवी सरस्वती आवाहन, भगवती भद्रकाली अवतार है।

भगवती भद्रकाली अवतार : मां कालरात्रि दुर्गा का सातवां स्वरूप है । यह स्वरूप काल का नाश करने वाला है, इसी वजह से इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। इनका वर्ण अंधकार की भांति एकदम काला है। बाल बिखरे हुए हैं और इनकी माला बिजली की भांति देदीप्यमान है। इन्हें तमाम आसुरिक शक्तियों का विनाश करने वाला बताया गया है। इनका वाहन गर्दभ अर्थात् गधा है। माता कालरात्रि के तीन नेत्र और चार हाथ हैं। एक हाथ में खड्ग है तो दूसरे में लौहास्त्र, तीसरे हाथ में अभय-मुद्रा है और चौथे हाथ में वर-मुद्रा है। मां कालरात्रि की आराधना के समय भानु चक्र जाग्रत होता है। हर प्रकार का भय नष्ट होता है। जीवन की हर समस्या को पलभर में हल करने की शक्ति प्राप्त होती है।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः आश्विऩ, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः सप्तमी सांयः 06.48 तक है, 

वारः रविवार।

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर रविवार को पान खाकर लाल चंदन, गुड़ और लड्डू का दान देकर यात्रा करें।

 नक्षत्रः मूल रात्रि 01.53 तक है,

योगः सौभाग्य सांयः 05.13 तक, 

करणः गर, 

सूर्य राशिः कन्या, चंद्र राशिः धनु, 

राहु कालः सायंः 4.30 से सायं 6.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.19, सूर्यास्तः 06.02 बजे।