पंजाब की तरफ से ‘पंजाब गुड्डज़ एंड सर्विसिज टैक्स ( संशोधन) बिल, 2022’ पास

  • बिल का मकसद व्यापारियों को फ़ायदा पहुंचाना और राजस्व बढ़ाना है : हरपाल सिंह चीमा

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : 

            पंजाब सरकार की तरफ से आज पंजाब विधान सभा में पंजाब गुड्डज़ एंड सर्विसिज टैक्स ( संशोधन) बिल 2022 पास कर दिया गया।

            वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने यह बिल सदन में पेश किया, जिसको भारी बहुमत से पास कर दिया गया।

            सदन में बेबुनियाद कोलाहल डालने के लिए विरोधी पक्ष पर तीखा हमला करते हुये स. चीमा ने कहा कि पिछली सरकारों ने सरकारी खजाने की वित्तीय हालत सुधारने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने सभी ख़ामियां दूर कर दीं हैं और जाली बिलिंग बंद कर दी है, जिससे न सिर्फ़ व्यापारियों को फ़ायदा होगा बल्कि राज्य के राजस्व में भी विस्तार होगा।

            हरपाल सिंह चीमा ने यहाँ जारी अपने बयान में एक्ट में किये संशोधनों की महत्ता का खुलासा करते हुये कहा कि कर चोरी करने वाले लोगों पर रोक लगाने के लिए सैक्शन-16 में संशोधन किया जा रहा है। इस संशोधन से सरकार के पास अधिकार आ जायेगा, जिससे कर दाता को कुछ हालातों में कर का क्रेडिट लेने से रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा कि व्यापारियों की सुविधा के लिए कर का क्रेडिट लेने का समय 30 सितम्बर से बढ़ा कर 30 नवंबर किया जा रहा है जिससे व्यापारी जो भी खर्च कर चुके हैं उनका क्रेडिट 30 नवंबर तक ले सकेंगे और कर का भुगतान कर सकेंगे।

            वित्त मंत्री ने कहा कि कर दाताओं के द्वारा रिटरन पेश करने को तर्कसंगत बनाने के लिए एक्ट की धारा 37, 38 और 39 में संशोधन पास किया गया है। उन्होंने कहा कि कर की पालना बढ़ाने और कर की चोरी रोकने के लिए सैक्शन-39 में संशोधन किया जा रहा है। इसके साथ सप्लाई का विवरण दिए बिना कर दाता अपनी रिटरन फाइल नहीं कर सकेगा। उन्होंने कहा कि यह जाली बिल रोकने में बहुत बड़ा प्रयास है।

            उन्होंने कहा कि इसके इलावा कर पालना को बेहतर बनाने के लिए कर दाता जो टैक्स कुलैकटर हैं जैसे कि ई-कामर्स ऑपरेटरों के द्वारा स्टेटमैंट देर से फाइल करने के लिए लेट फीस की शुरुआत की जाती है। उन्होंने कहा कि अनुपालन में सुधार के लिए धारा 49 में संशोधन किया गया है जिससे सरकार को करदाताओं के द्वारा कर के क्रेडिट के प्रयोग पर पाबंदियाँ निर्धारित करने का अधिकार दिया जा सके।

            वित्त मंत्री ने कहा कि कारोबार की सुविधा के लिए काफ़ी देर से माँग थी कि ब्याज सिर्फ़ उस कर के क्रेडिट पर लगायी जाये जोकि लिया गया और उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि इस माँग को स्वीकार किया गया है और सैक्शन-50 में संशोधन किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि धारा 54 में भी संशोधन किया गया है जिससे रिफंड के प्रबंध और आसान हो सकें। उन्होंने कहा कि जो व्यापारी स्पैशल इकोनॉमिक जोन ( एस. ई. जेड) में व्यापार कर रहे हैं या निर्यात करते हैं उनको रिफंड देने का समय रिटरन फाइल करने से दो साल निर्धारित किया गया है।

            ज़िक्रयोग्य है कि केंद्र सरकार ने जी.एस.टी. कौंसल की सिफ़ारिश पर वित्त एक्ट, 2022 के द्वारा केंद्रीय वस्तु एवं सेवां टैक्स एक्ट, 2017 में संशोधन किया था। इसी तरह की तबदीलियां पंजाब गुडज एंड सर्विसिज टैक्स एक्ट, 2017 में की गई हैं।