राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/गुजरात :
पंजाब के वातावरण मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने पराली जलाने की समस्या के हल के लिए पराली प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार को तुरंत मुआवज़ा राशि देने की माँग की है। वातावरण के बारे देश के समूह राज्यों के वातावरण, वन और मौसमी परिवर्तन के बारे मंत्रियों की राष्ट्रीय कान्फ्ऱेंस के दौरान बोलते हुये मीत हेयर ने कहा कि पंजाब अपना हिस्सा डालने को तैयार है और अब केंद्र भी किसानों के लिए बड़ा दिल दिखाते हुए मुआवज़ा राशि का ऐलान करे।
वातावरण मंत्री ने कहा कि पराली जलाने से होता प्रदूषण अकेले पंजाब की ही नहीं बल्कि समूचे देश की समस्या है। उन्होंने कहा कि ज़रूरत पडऩे पर पंजाब के किसानों ने देश के अनाज भंडार भरते हुये देश को अनाज संकट में से निकाला और अब केंद्र को किसानों की बाज़ू पकडऩी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व अधीन राज्य सरकार किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित के लिए बड़े स्तर पर जागरूकता मुहिम शुरु कर रही है और इस सम्बन्धी सभी यूनिवर्सिटियों के वाइस चांसलरों के साथ मीटिंग करके विद्यार्थियों के द्वारा भी किसानों को जागरूक कर रही है।
मीत हेयर ने कहा कि पंजाब सरकार पराली प्रबंधन के लिए अस्थायी और पक्के दोनों तरह के प्रबंध कर रही है। इसके साथ ही पराली को धरती में ही गला कर खपत के लिए इन-सीटू और पराली की गांठें बना कर ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करने के एक्स-सीटू प्रबंधों पर भी काम कर रही है। पंजाब सरकार की तरफ से किसानों को पराली प्रबंधन के लिए अब तक 90,422 मशीनों ज्यादा सब्सिडी पर मुहैया करवाई गई हैं। सरकार की तरफ से 32,100 और मशीनें किसानों को देने का लक्ष्य है जिसमें से 21,000 मशीनों की मंज़ूरी भी दे दी है। किसान को व्यक्तिगत तौर पर 50 प्रतिशत सब्सिडी और पंचायतों या सोसायटियों को सांझा मशीन के लिए 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है।
मीत हेयर ने कहा कि पराली को ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करके इससे बिजली, बायोगैस आदि प्लांट स्थापित करने पर भी ज़ोर दिया जा रहा है। इससे पराली किसानों के लिए आमदन का साधन भी बनती है। इसके इलावा सरकार की तरफ से ईंटों के भट्टों के लिए 20 प्रतिशत ईंधन के तौर पर पराली का प्रयोग लाजि़मी करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की यह कोशिशें तभी सफल होंगी अगर केंद्र मुआवज़ा राशि दे।