Wednesday, December 25

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 22 सितम्बर 22 :

नोटः संन्यासीनां श्राद्ध, द्वादशी का श्राद्ध तथा अपमृत्यु से मृतों का श्राद्ध जो दुर्घटना आदि से मृत है।

Pitru Paksha 2022 pitru shraddha according to tithi during pitru paksha  know tarpan tithi - Pitru Paksha 2022: पितृपक्ष के दौरान किन पितरों का करें  कब तर्पण, जानिए तिथियां

संन्यासीनां श्राद्ध : जिनके पिता संन्यासी हो गए हो उनका श्राद्ध द्वादशी तिथि को किया जाना चाहिए। – जिनके पिता का देहांत इस तिथि को हुआ है उनका श्राद्ध भी इसी तिथि को करते हैं। – इस तिथि को ‘संन्यासी श्राद्ध’ के नाम से भी जाना जाता है। – द्वादशी श्राद्ध करने से राष्ट्र का कल्याण तथा प्रचुर अन्न की प्राप्ति कही गयी है।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः आश्विऩ, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः द्वादशी रात्रिः 01.18 तक है,

वारः गुरूवार।  

विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः आश्लेषा रात्रि 02.03 तक है, 

योगः शिव प्रातः 09.44 तक, 

करणः कौलव, 

सूर्य राशिः कन्या, चंद्र राशिः कर्क, 

राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.13, सूर्यास्तः 06.14 बजे।