करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ – 21 सितंबर :
सूरतगढ़ में सन 1972 में जन आंदोलन हुआ और बाजार बंद हुए राजस्व तहसीलदार गुमान सिंह पर एक नागरिक से अभद्रता करने का आरोप था। पूरे शहर में एक भी दुकान खुली नहीं थी। पूरे शहर में एकता थी। नारे और प्रदर्शन का माहौल था। जिला प्रशासन पर इसका असर हुआ।
चौथे दिन दोपहर बाद सूचना आई कि गुमान सिंह राठौड़ का स्थानांतरण कर दिया गया है।
इसके बाद बाजार खोलने का निर्णय हुआ तब दुकानें खोली गई।