डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, पंचकुला – 19 सितंबर :
प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने प्रदेश की गठबंधन सरकार को नींद से जगाते हुए कहा की हरियाणा प्रदेश की 70% आबादी कृषि पर आधारित है और वर्तमान समय में किसानों पर ऐसा बुरा समय चल रहा है की पिछले दो वर्षों से किसानों की सभी फसलों में हानि हो रही है और अब पशुओं में लंपी बीमारी होने से किसानों की महंगी महंगी दुधारू गाएं भी बीमारी का शिकार हो रही है लेकिन सरकार का किसानों की और गायों की और कोई ध्यान नहीं है।
दूसरी ओर मुख्य रुप से किसानों की आमदनी का साधन धान की फसल होती है जो की प्रति किल्ला अच्छी औसत देती है जिससे किसान के पूरे वर्ष के औसतन खर्चे पूरे होते है लेकिन अबकी बार धान की फसल के हाइब्रिड बीज की कुछ कंपनीयों के बीज की रोपाई करने पर फसल में नए प्रकार की गंभीर बीमारी आ गई है जिससे खेत में 90% पौधे अविकसित रहने के कारण उन पौधो पर आनाज नहीं होने से पूरा खेत खाली रह गया जो की बीज कंपनियों की गलती का खमियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
दूसरी ओर किसानों को सरकार आंकड़ों में उलझा रही है सरकार ने क्षतिपूर्ति पोर्टल पर किसानों की खराब फसल का पंजीकरण करने बारे आश्वासन दे रही है लेकिन प्रति किल्ले की पैदावार केवल 25 क्विंटल निर्धारित की है जो की काफी कम है क्योंकि जो खेत बीमारी की चपेट में नहीं आए है उनमें हर वर्ष की भांति 35 क्विंटल के लगभग पैदावार होती है लेकिन सरकारी आंकड़ों में 25 क्विंटल ही मान्य होगी तो बची हुई पैदावार किसान की खराब हुई खेतों की फसल में जोड़कर आंकड़े पूरे कर दिए जाएंगे जिससे सरकार भोले भाले किसानों से चालाकी करके खराब फसल का मुवावजा ना देने का अपना नया एवं आंकड़ों पर आधारित बहाना तैयार कर लिया है।
चंद्रमोहन ने मांग करते हुए कहा की सरकार पोर्टल पर किसानों का 35 क्विंटल प्रति किल्ले का पंजीकरण करना शुरु करे और खराब फसलों की जल्दी से जल्दी गिरदावरी करे क्योंकि सरकार के उदासीन रवैया के कारण किसान खड़ी फसल को जोत रहें है और लंपी बीमारी के कारण आर्थिक रुप से हुई हानि एवं पशुओं की चिकित्सा करके किसानों को राहत प्रदान की जाए पुर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने सरकार को चेताते हुए कहा की अगर सरकार किसानों की सुध नहीं लेती तो कांग्रेस पार्टी सड़क पर उतरेगी और गठबंधन सरकार को कुंभकर्णी नींद से जगाएगी इस मौके पर उनके साथ किसान नेता बहादुर राणा ककराली।