Monday, April 21

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक चंडीगढ़ 17 सितंबर :

कैबिनेट मंत्री डॉ. इन्दरबीर निज्जर ने गाँव साधूगड़ के एक प्रगतिशील किसान के खेतों का दौरा किया और अन्य किसानों को उसकी वातावरण समर्थकी तकनीकों को अपनाने की अपील की। सुरजीत सिंह साधूगड़, रेनगन तकनीक से अपनी फ़सल की सिंचाई करता है और पराली को ज़मीन में जलाने की बजाय उसे वापिस मिट्टी में जोतता है, जिससे अगली फ़सल के लिए उपजाऊ शक्ति बढ़ती है। मंत्री ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुये कहा कि यह किसान अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।


उन्होंने आगे कहा कि ऐसी तकनीकों के ज़मीनी स्तर पर लोकप्रिय बनाने से ही सफलता मिल सकती है क्योंकि पंजाब की बड़ी संख्या आबादी कृषि के साथ जुड़ी है और कृषि को लाभदायक बनाने और किसानों को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने की बहुत ज़रूरत है।

डॉ. निज्जर ने किसानों से अपील की कि धान की पराली को आग लगाने की बजाय इसको खेत में जोतने को प्राथमिकता दी जाये क्योंकि ऐसा करने से जहाँ ज़मीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है वहीं ज़मीन के लिए मित्र कीड़े भी बचते हैं। इससे किसानों को अनावश्यक खादों का प्रयोग करने की भी ज़रूरत नहीं पड़ती जबकि पराली को आग लगाने से जहाँ किसान का सबसे अधिक नुकसान होता है वहीं कई तरह की बीमारियाँ लगने का भी ख़तरा बना रहता है।

मंत्री ने यह भी कहा कि सूचना प्रौद्यौगिकी के इस युग में विज्ञान ने तरक्की की है और आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करके कृषि को लाभदायक और आर्थिक तौर पर किफायती बनाया जा सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि जिस दर से भूजल का स्तर दिनों-दिन नीचे जा रहा है, वह हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय है और यदि हम इसको रोकने के लिए अभी ही कोई ठोस कदम न उठाये तो आने वाली पीढ़ियों के लिए पीने वाला पानी ख़त्म हो जायेगा। पानी नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि हमें दूसरे को भी पानी की सही संभाल के लिए प्रेरित करना चाहिए।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार सही अर्थों में किसान पक्षीय सरकार है और आम आदमी पार्टी की सरकार की तरफ से किसानों को किसी भी तरह की मुश्किल नहीं आने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि हमारे देश के अंनदाता का हाथ थामना हमारी जिमेवारी है और हम भरोसा दिलाते हैं कि हम हर मुश्किल की घड़ी में किसानों के साथ कंधे से कंधा जोड़ कर खड़े रहेंगे।

इस मौके पर हलका विधायक स. लखबीर सिंह राय ने कहा कि आधुनिक तकनीकों तभी लाभदायक हो सकती हैं यदि इनको प्रफुलित करके हर किसान की पहुँच में लाया जाये। उन्होंने कहा कि रेनगन विधि के साथ जहाँ भूजल की बचत होती है, वहीं फ़सल की उपज में भी विस्तार होता है। उन्होंने कहा कि यह तकनीक तभी सफल हो सकती है यदि इनको हर किसान तक पहुँचाया जाये।