सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 15 सितंबर :
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य गैस अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड की पूर्व डायरेक्टर बंतो कटारिया ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्दारा चलाए गए कुपोषण मुक्त भारत अभियान में भागीदारी करने के लिए हम सबको मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है, पीएम नरेंद्र मोदी ने राजनीति से लेकर सामाजिक, प्रशासनिक व्यवस्था में आमजन की भागीदारी के साथ सुधार करते हुए नए भारत के निर्माण की नींव रखी है।
बंतो कटारिया ने कहा कि सुरक्षित भोजन बेहतर स्वास्थ्य जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं में मनुष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षित भोजन है,बंन्तो कटारिया ने कहा कि भारत सरकार की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने चावल, गेहूं, मक्का, बाजरा, मसूर, मूंगफली, अलसी, सरसों और सोयाबीन की 79 बायोफोर्टिफाइड किस्में विकसित की हैं। आलू, शकरकंद, रतालू और अनार की 8 बायोफोर्टिफाइड किस्मों को किसानों के बीच लोकप्रिय बनाया जा रहा है।बंन्तो कटारिया ने कहा घर में चूल्हे पर खाना बनाती महिलाओं की आंखों में आए आंसु, धुंए के कारण होती दमे की बीमारी को मोदी जी ने महसूस किया और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से हर जरूरतमंद महिला को निशुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाने का काम किया है। शौचालय की कमी के चलते महिलाओं को स्वास्थ्य, सुरक्षा की होने वाली चिंता को दूर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर शौचालय, सार्वजनिक स्थानों पर शौचालय निर्माण पर जोर दिया।
बंन्तो कटारिया ने कहा कि कुपोषण हमारे लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है। पर्याप्त पोषण आहार न मिलने से जहां महिलाओं में खून की कमी होने से बीमारी और उनके दिनचर्या के काम में रूकावट पैदा होती है। इन्हीं चिंताओं को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कुपोषण को देश में जड़ से खत्म करने के लिए वर्ष 2018 में राष्ट्रीय पोषण मिशन का संकल्प लिया है। बच्चों, गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं के पोषण स्तर में बढोतरी करने के लिए इस पहल में हरियाणा अच्छा काम कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी ने अगस्त 2020 में मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना को शुरू किया। इस योजना के तहत 9 लाख बच्चों और 3 लाख महिलाओं को सप्ताह में छह दिन दूध उपलब्ध करवाया जा रहा है, ताकि उनका पोषण स्तर बढाया जा सके।