Tuesday, December 24

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर  –  15 सितंबर  :

            यमुनानगर के उपन्यासकार और कथाकार ब्रह्म दत्त शर्मा को हिंदी दिवस की संध्या पर घरौंडा, करनाल में वी. एच. सी. ए. फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में “हिंदी रत्न” सम्मान से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें एक भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. संजय बठला, करनाल नगर निगम की मेयर श्रीमती रेणू बाला गुप्ता, घरौंडा नगर पालिका के चेयरमैन हैप्पीलक गुप्ता, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अशोक भाटिया और वी.एच.सी.ए. फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. मुकेश अग्रवाल के हाथों प्रदान किया गया। वी.एच.सी.ए. फाउंडेशन हर साल हिंदी दिवस पर हरियाणा के दिग्गज लेखकों को सम्मानित करती है।

ब्रह्मदत्त शर्मा का सम्मान पत्र

            इस साल भी ब्रह्मदत्त शर्मा के अलावा हरियाणा के अलग-अलग जिलों के चार अन्य प्रतिष्ठित लेखकों को सम्मानित किया गया। उन्हें यह पुरस्कार मिलना यमुनानगर जिले के लिए गर्व का विषय है। हिंदी रत्न सम्मान शर्मा की संपूर्ण साहित्य साधना के लिए दिया गया है।

            अभी तक उनकी चार किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें तीन कहानी संग्रह और एक उपन्यास है। उनके कहानी संग्रह चालीस पार’ 2010, ‘मिस्टर देवदास’ 2014, ‘ पीठासीन अधिकारी 2020 में प्रकाशित हुए, जबकि उत्तराखंड त्रासदी पर आधारित उनका उपन्यास ठहरे हुए पलों में’ 2016 में प्रकाशित हुआ था। उनकी कहानियां देश-विदेश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में छपती रही हैं।

            इससे पहले भी उन्हें लेखन के लिए अनेक पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिनमें विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस का सर्वश्रेष्ठ हिंदी कहानी पुरस्कार 2019, हरियाणा साहित्य अकादमी का श्रेष्ठ कहानी पुरस्कार 2015, माँ धनपति देवी समृति कथा साहित्य सम्मान 2017 (सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश), श्री बृजभूषण भारद्वाज एडवोकेट समृति साहित्य सम्मान 2015 (कैथल, हरियाणा), अखिल भारतीय डॉक्टर कुमुद टिक्कू कहानी प्रतियोगिता पुरस्कार 2017(जयपुर, राजस्थान), डा, महाराजा कृष्ण जैन स्मृति सम्मान 2018 ( शिलांग, मेघालय) आदि प्रमुख हैं। श्री शर्मा का पैतृक गांव झीवरहेड़ी है। वर्तमान में वे सेक्टर18 हुडा के निवासी हैं और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पाबनी कलां में एस एस एस मास्टर के पद पर कार्यरत हैं।