सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर :
डीएवी कॉलेज में हिंदी विभाग द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया ! जिस में सेवा निवृत्त प्रोफेसर अंग्रेजी विभागए स्टॉरेक्स विश्वविद्यालयए गुरुग्राम के डॉण् सुरेश सिंहल ने हिंदी और अनुवाद में रोजगार की संभावनाएं विषय पर विचार व्यक्त किये ! संगोष्ठी की अध्यक्षता प्राचार्या डॉण् आभा खेत्रपाल एवं डॉण् विश्वप्रभा हिंदी विभागाध्यक्ष ने की ! डॉण् किरण शर्मा ए डॉण् दीपिका घई एडॉण् इंदु नारंग एडॉण् गुरशरण कौर ए अनीता मोदगिल एवं लिपाक्षी उपस्थित रहे ।
डॉ सुरेश सिंहल ने कहा कि भाषा बहुआयामी होती है ! हम जो साहित्यिक सृजनात्मक हिंदी पढ़ते है उसमे रोजगार के सिमित अवसर है परन्तु भाषा बहुरूपी है व्यावहारिकए प्रयोजनमूलकए प्रतियोगीए द्विभाषिकए विधिए बैंकए टेक्नोलॉजी आदि क्षेत्रो में रोजगार के अवसर बढ़ते जा रहे है ! हिंदी भाषा को भारतीय भाषाओं एवं विदेशी भाषाओं से जोड़ने पर असंख्य रोजगार के अवसर खुलते है ! दुनिया भर में विभिन्न संस्थान है जहां भाषा विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है ! विज्ञापन वाणिज्य बैंक ए मीडिया एवं प्रूफ रीडिंग क्षेत्रों की विस्तृत जानकारी देते हुए अनुवाद के क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पर प्रकाश डाला ! उन्होंने कहा कि अंग्रेजी की तरह हिंदी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुकी है अमेरिका के 80 . 90 विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है !
संगोष्ठी के दूसरे वक्ता राजकीय पीजी कॉलेज करनाल ए पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ अशोक भाटिया ने हिंदी में रोजगार की सम्भावना विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी क्षेत्र में रोजगार प्राप्त करने के लिए छोटी सी शुरुआत करनी होगी उन्होंने छात्राओं को आत्मनिर्भर ए आत्मबल और व्यक्तित्व विकास का आह्वान करते हुए कहा भाषा में रोजगार के असीमित अवसर है नाटक लेखन लघुकथा लेखन, नृत्य, संवाद लेखन, जनसंचार आदि क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त किया जा सकता है परन्तु प्रत्येक क्षेत्र के लिए सर्वप्रथम आवश्यकता है कौशल की उन्होंने कहा कि साहित्य और संगीत जीवन के वरदान है ! परन्तु इसमें दिल और दिमाग के संगम से ही आनंद प्राप्त किया जा सकता है ! डॉण् अशोक भाटिया जी सुप्रसिद्ध लघु कथा लेखक है उन्होंने कुछ मर्मस्पर्शी हास्य व्यंग्य परिपूर्ण लघु कथाएं सुना कर भाव विभोर कर दिया !
इस अवसर पर महाविद्यालय कि छात्राओं ने हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी विषय पर लघु नुकड़ नाटिका प्रस्तुत की