Tuesday, December 24

            राजनीतिक पंडितों के अनुसार दमी पार्टी (आआपा) की रैली और तिरंगा यात्रा ने आदमपुर की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है। सूत्र बताते हैं कि आदमपुर हलके की जनता ने आम आदमी पार्टी के दो मुख्यमंत्रियों का अच्छा स्वागत किया था। सूत्र बताते हैं कि दोनों मुख्यमंत्रियों द्वारा जनता के बीच बिजली, पानी व स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं को जोर-शोर से उठाना जिले की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर गया।

डिंपल कुमार, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार  –  14 सितंबर  : 

            आदमपुर उपचुनाव की सरगर्मियां धीरे-धीरे जोर पकडऩे लगी है। सत्तारूढ़ भाजपा समेत सभी पार्टियों की निगाहें आदमपुर उपचुनाव में लगी हुई है। सत्तापक्ष भाजपा से जहां कुलदीप बिश्नोई या उनके परिवार के किसी सदस्य के चुनावी मैदान में उतरने की संभावना जताई जा रही है। वहीं सभी विपक्षी दल अपनी-अपनी पार्टी से मजबूत प्रत्याशी की तलाश में है। पिछले दिनों आदमपुर में रैली कर आम आदमी पार्टी ने भी जिले की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। वहीं कांग्रेसी नेता भी लगातार आदमपुर हलके का दौरा कर रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इनेलो भी आदमपुर उपचुनाव और ज्यादा मजबूती के साथ लड़ेगी क्योंकि इनेलो का हौंसला इसलिए भी बुलंद है कि इनेलो ऐलनाबाद उपचुनाव जीत चुकी है।

            राजनीतिक गलियारों में सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर चल रही है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस प्रदेश हाईकमान आदमपुर उपचुनाव के लिए मजबूत साबित होने वाले नेता को सर्च करने में लगा हुआ है। मजबूत प्रत्याशी के लिए कार्यकर्ताओं से फीडबैक भी लिया जा रहा है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस की नजर एक सेवानिवृत्त आईएएस पर लगी हुई है। कांग्रेस यह भी भलीभांति जानती है कि इस सेवानिवृत्त आईएएस को आदमपुर हलके के लिए पहचान बनाने की भी जरूरत नहीं है। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस जिस सेवानिवृत्त आईएएस को उपचुनाव में मजबूत प्रत्याशी की रूप में देख रही है, उनका संबंध आदमपुर हलके से ही रहा है।

            राजनीतिक पंडितों का मानना है जिस समय हिसार सीएम सिटी कहलाता था, उस समय रिटायर्ड आईएएस के परिवार की उस वक्त की सरकार में अच्छी खासी पकड़ थी। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि रिटायर्ड आईएएस अधिकारी का आदमपुर उपचुनाव में उतरने का कितना मन है और कांग्रेस उन्हें उपचुनाव में उतारने में सफल होती है या नहीं, यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन राजनीतिक गलियारों में पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी की चर्चा ज्यादा चल रही है।

लगातार दौरे पर हैं कांग्रेसी नेता

            राजनीतिक सूत्रों के अनुसार आदमपुर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस काफी गंभीर दिखाई दे रही है। कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे के बाद से प्रदेश कांग्रेस का एक गुट लगातार आदमपुर हलके से संपर्क बनाए हुए हैं। इतना ही नहीं इस गुट की कांग्रेस भवन में भी हलचल बढ़ी हुई है। कांग्रेस भवन में भी उपचुनाव को लेकर चर्चाएं चलती रहती है। वहीं आदमपुर हलके से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके एक नेता का भी अपनी पार्टी से मोह भंग हो गया है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यह नेता शीघ्र ही भाजपा को अलविदा कहकर कांग्रेस का दामन थाम सकता है।

            सूत्र बताते हैं कि इस नेता ने प्रदेश कांग्रेस के आलाकमान से तो मुलाकात कर ली है लेकिन कांग्रेस में विधिवित रूप से शामिल होने की अभी घोषणा बाकी है। सूत्र बताते हैं कि आदमपुर हलके से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुक नेता ने उस चुनाव में कोई अच्छा खासा प्रदर्शन नहीं किया था। उस चुनाव में उन्हें साढ़े आठ  हजार के आसपास मत मिले थे। राजनीतिक पंडितों के अनुसार इस नेता के जाने से भाजपा अपने लिए कोई घाटे का सौदा नहीं मान रही है लेकिन जिले के कांग्रेस के ही कुछ नेता को इस नेता की कांग्रेस में एंट्री रास नहीं आ रही है। उन्हें यह डर सता रहा है कि भविष्य में यह नेता टिकट बंटवारे के समय उनके रास्ते में रोड़ा बन सकता है।

आपाकी एंट्री ने कर दी हलचल

            राजनीतिक पंडितों के अनुसार दमी पार्टी (आपा) की रैली और तिरंगा यात्रा ने आदमपुर की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है। सूत्र बताते हैं कि आदमपुर हलके की जनता ने आम आदमी पार्टी के दो मुख्यमंत्रियों का अच्छा स्वागत किया था। सूत्र बताते हैं कि दोनों मुख्यमंत्रियों द्वारा जनता के बीच बिजली, पानी व स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं को जोर-शोर से उठाना जिले की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर गया।

            आदमपुर उपचुनाव को लेकर सरगर्मियां जोर पकडऩे लगी है। आदमपुर हलके ही नहीं बल्कि हिसार की राजनीति में ज्यादातर चर्चा आदमपुर उपचुनाव को लेकर सुनने को मिल रही है।