सस्ती शराब बेचकर,ठेकेदारों द्वारा पॉलिसी की उड़ाई जा रही धज्जियां

अजय कुमार, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 14 सितंबर :

जिला में शराब का ऐसा खेल खेला जा रहा है जिसे जानते हुए भी प्रशासन अनजान बना हुआ है। शराब की जो एक्साइज पॉलिसी बनी हुई है। उसको दरकिनार करके कई शराब ठेकेदार शराब पॉलिसी के अनुसार तय किए गए रेट से काफी कम रेट पर शराब बेचने का काम कर रहे हैं। जिसको लेकर शराब पीने वाले लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कहीं शराब में मिलावट तो नही है, क्यों की दाम में काफी अंतर दिख रहा है।क्योंकि उससे एक दूसरा पहलू भी जुड़ा हुआ है जिसमें के तहत शराब महंगी मिल रही है। आपको बताते हैं पूरा वाक्य क्या है।

रामगढ़ में एक शराब का ठेका बना हुआ है। जिस पर शराब की कीमतों की बात करें तो वहां पर शराब की देसी की बोतल ₹100 की और रॉयल स्टैग की बोतल साडे ₹350 की मिल रही है। जबकि उससे आगे मट्ठावाला, बिल्ला क्षेत्र में शराब की कीमतों की बात अरे तू यहां पर देसी की शराब की बोतल ₹160 की मिल रही है जबकि रॉयल स्टैग ₹500 से ऊपर मिल रही है। हैरानी की बात तो यह है कि कहीं शराब के ठेकों पर रेट लिस्ट इसीलिए नहीं लगाई हुई कि रेट लिस्ट यह बजाए मनमानी से शराब अपने नाम के हिसाब से बेची जाए सके।मामले को लेकर एक्साइज के डीईटीसी प्रदीप यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जब भी इस प्रकार की कोई शिकायत आती है तो उस शराब ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।अग़र ऐसा हो रहा है तो उस ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

इसके अलावा बहुत जल्द जिला के सभी शराब के ठेकेदारों के साथ मीटिंग लेकर उन्हें जागरूक किया जाएगा।रेट में अंतर का कारण पंजाब की सस्ती शराब तो नहीं?पंजाब के एक्साइज पॉलिसी में बदलाव के बाद शराब के रेट में काफी अंतर हो गया है। ऐसे में हरियाणा के शराब के जो ठेकेदार हैं उनके लिए भी शराब हरियाणा की पॉलिसी के हिसाब से बेचना मुश्किल हो रहा है। हो सकता है यही कारण है कि यहां पर हरियाणा की शराब पॉलिसी को दरकिनार कर मनमर्जी के साथ कम रेट पर शराब बेची जा रही है। इससे हरियाणा सरकार को भी नुकसान हो सकता है। क्योंकि ठेकेदार लाइसेंस की फीस नहीं भरने के अलावा अन्य कई अड़ंगे अटका सकते हैं।