Wednesday, December 25

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 13 सितम्बर 22 :

नोटः आज प्रातः 06.36 से पंचक समाप्त है। अंगारकी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत है। तथा चतुर्थी का श्राद्ध है।

Panchak 2021 Date: पंचक में भूलकर भी ना करें ये काम, जानें कब से शुरू हो  रहा है पंचक | panchak 2021 know when it start and what not to do bgys –  News18 हिंदी
आज प्रातः 06.36 से पंचक समाप्त है

आज प्रातः 06.36 से पंचक समाप्त है : पंचक का आरंभ- 12 अगस्त 2022 शुक्रवार 14.49 मिनट से। पंचक का समापन- 16 अगस्त 2022, मंगलवार को 21.05 मिनट पर। पंचक का समापन- 13 सितंबर 2022, मंगलवार को 06.36 मिनट पर। पंचक का समापन- 10 अक्टूबर 2022, सोमवार को 16.02 मिनट पर

Angarki Sankashti Chaturthi 2021 Messages Marathi Angarki Sankashti  Chaturthi 2021 Wishes in Marathi: अंगारकी संकष्ट चतुर्थीच्या शुभेच्छा  Messages शेअर करा । angarki sankashti chaturthi 2021 wishes in marathi ...

अंगारकी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत : अंगारक (मंगल देव) के कठिन तप से प्रसन्न होकर गणेश जी ने वरदान दिया और कहा कि यदि चतुर्थी की तिथि मंगलवार को होगी तो इसे अंगारकी चतुर्थी के नाम से मनाया जाना चाहिए। इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य के सभी कार्य बिना किसी रुकावट के पूरे हो जाते हैं। भगवान गणेश की कृपा से भक्तों को सभी सुख मिलते हैं।

Shradh 2022: Shradh will be done on Chaturthi Tithi on premature death note  all the dates of Shradh pitru paksha - Shradh 2022: अकाल मृत्यु पर चतुर्थी  तिथि को होगा श्राद्ध, नोट
चतुर्थी का श्राद्ध है

चतुर्थी का श्राद्ध है : ये 16 दिन तक पितरों का पिंडदान, तर्पण और धर्म-कर्म आदि किया जाता है। कल 13 सितंबर को चतुर्थी तिथि श्राद्ध किया जाता है।  चतुर्थी तिथि को हुई मृत्यु वाले लोगों के लिए चतुर्थी तिथि के दिन श्राद्ध कर्म किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार श्राद्ध कर्म के दौरान पंचबली भोग का विशेष महत्व है।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः आश्विऩ, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः तृतीया प्रातः 10.38 तक है, 

वारः मंगलवार।  

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

नक्षत्रः रेवती प्रातः 06.36 तक है, 

योगः वृद्धि प्रातः 07.36 तक, 

करणः विष्टि, 

सूर्य राशिः सिंह, चंद्र राशिः मीन, 

राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.09, सूर्यास्तः 06.25 बजे।