- राज्यपाल ने स्कूली बच्चों की स्वास्थ्य जांच के लिये आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत एक नई स्कूल स्वास्थ्य योजना ‘‘सेहत” का किया शुभारंभ
- इस योजना के तहत आगामी शैक्षणिक सत्र से साल में दो बार 25 लाख स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य की करी जाएगी जांच
- मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिये उठाये अनेक कदम-राज्यपाल
कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला, 5 सितंबर :
हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्रात्रेय ने शिक्षक दिवस के अवसर पर आज सेक्टर-5 स्थित इंद्रधनुष आॅडिटोरियम में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित राज्य शिक्षक पुरस्कार समारोह में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 2020 व 2021 के प्रदेश के 93 शिक्षकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने स्कूली बच्चों की स्वास्थ्य जांच के लिये आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत एक नई स्कूल स्वास्थ्य योजना ‘‘सेहत‘‘ का शुभारंभ भी किया।
श्री दत्रात्रेय ने शिक्षक दिवस की बधाई एवं शुभकामनायें देते हुये कहा कि आज पूरा देश सुप्रसिद्ध राजनयिक, महान विद्वान और एक आदर्श शिक्षक तथा देश के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन को याद कर रहा है। सम्मानित हुये शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुये श्री दत्रात्रेय ने कहा कि उन्होंने एक शिक्षक के साथ-साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बेहतर कार्य किया है।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षित एवं स्वस्थ बच्चे देश का भविष्य हैं। देश के इस भावी कर्णधार भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए आज यहां से आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत एक नई स्कूल स्वास्थ्य योजना ‘‘सेहत‘‘ शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत आगामी शैक्षणिक सत्र से साल में दो बार 25 लाख स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। जांच में एकत्रित किए गए डेटा को ई-उपचार पोर्टल से जोड़ा जाएगा, जिससे किसी भी स्थान पर बच्चे का डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड उपलब्ध होगा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रदेश में 8,876 शिक्षकों को स्वास्थ्य और कल्याण एम्बेस्डर के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि शिक्षक जहां समाज में शिक्षा की लौ को तेज कर रहे है वहीं बच्चों के बेहतर स्वास्थ के लिए शुरू की गई इस योजना के क्रियानवन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगें। इस अवसर पर उन्होंने सेहत योजना का पोस्टर व पत्रिका का विमोचन भी लांच किया।
श्री दत्रात्रेय ने कहा कि शिक्षक को बच्चों की शिक्षा व देखभाल के लिए एक मां की तरह कार्य करने की आवश्यकता है। अपने विद्यार्थी जीवन को याद करते हुये उन्होंने कहा कि उन्हें अपने भौतिकी के अध्यापक श्री रामैया गारू और तेलुगू शिक्षक स्वर्गीय श्री शेषचार्य आज भी याद हैं। वे आदर्श शिक्षक थे, जिनके शब्दों ने छात्रों के दिल और दिमाग पर एक अमिट छाप छोड़ी है। श्री दत्रात्रेय ने कहा कि उनके राज्यपाल बनने तक के सफर में उनके गुरूओं द्वारा दी गई प्रेरणा व संस्कारों का अहम योगदान रहा है। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे किताबी ज्ञान के साथ साथ बच्चों को अच्छे संस्कार भी सिखाये। भारतीय संस्कृति में संस्कारों का बहुत बड़ा प्रभाव है।
उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि चाहे सी.बी.एस.ई.हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड हो या आई.सी.एस.ई बोर्ड व सी.आई.एस.ई. बोर्ड हो, हर परीक्षा में लड़कियों ने बाजी मारी है।
इस अवसर पर संबोधित करते हुये शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल ने कहा कि शिक्षक वर्ग का समाज के विकास में एक अहम योगदान है और सही मायने में शिक्षिक समाज ही देश को आगे लें जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक का बच्चें पर गहरा प्रभाव होता हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन में उनके शिक्षकों ने जो संस्कार उन्हें दिये थे, उनका प्रभाव आज भी उतना ही है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिये अनेक कदम उठाये हैं। हरियाणा देश का ही नहीं संभवत विश्व का पहला प्रदेश है जहां 10वीं व 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों और शिक्षकों को 5 लाख टैब निशुल्क प्रदान किये गये। उन्होंने कहा कि कुछ बच्चें प्रतिभावान होने के बावजूद संसाधन के अभाव में पीछे रह जाते है। उन्हें सरकार द्वारा संसाधन उपलब्ध करवाये गये है, जिसके परिणाम आने वाले समय में दिखाई देंगे। इस अवसर पर उन्होनंे स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य जांच के लिये शुरू की गई सेहत योजना के लिये मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कई गरीब परिवार अपने बच्चों की सेहत का ध्यान नहीं रख पाते, अब ऐसे बच्चों की सेहत का ध्यान सरकार रखेगी।
स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डाॅ. महावीर सिंह ने कहा कि पिछले दो वर्षों में कोविड-19 के कारण राज्य शिक्षक पुरस्कार समारोह का आयोजन नहीं हो सका था। उन्होंने शिक्षकों को बधाई दी कि कोविड महामारी के बावजूद उन्होंने आॅन लाईन तकनीक का प्रयोग करते हुये बच्चों की शिक्षा को प्रभावित नहीं होने दिया। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे सुनिश्चित करें कि कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित ना रहे, इसके लिये ऐसे बच्चें जो अभी तक स्कूल में नहीं पंहुचे उन्हें स्कूल में लाने का प्रयास करें।
मंच संचालन श्री प्रदीप राठोर ने किया ।
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डाॅ. महावीर सिंह, मौलिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक डाॅ. अंशज सिंह, पुलिस उपायुक्त श्री सुरेंद्र पाल सिंह, गेल की पूर्व निदेशक श्रीमती बंतो कटारिया और प्रदेशभर से आये शिक्षक उपस्थित थे।