सतयुगी संस्कारों से ही बनेगा स्वर्णिम संसार, मीडिया को निभानी होगी जिम्मेदारी

श्रीगणेशजी को विघ्न विनाशक गणेश कहा जाता है। हम देखें कि क्या विघ्न विनाशक बनने के लिए तैयार हैं। क्या हम अपने जीवन के और दूसरे के लिए विघ्न विनाशक बन सकते हैं? हमें अपने जीवन और देश पर आए विघ्नों को समाप्त करने वाला बनना है। गणेशजी का सिर ज्ञानवान और गुणमूरत की निशानी है। हम लोग यहां आए हैं अपने अहंकार रूपी सिर को काटने के लिए। उनके जीवन की एक-एक चीज हमें दुखहर्ता-सुखकर्ताए विघ्न विनाशक बना सकती है। आज तक हमने श्रीगणेश जी पूजा-आराधना की लेकिन आज हम उनके जैसा बनने की प्रतिज्ञा करते हैं। गणेशजी की तरह अपना जीवन विघ्न विनाशक, गुणों से सम्पन्न, मूल्यवान और श्रेष्ठ बनाएं। क्योंकि मूल्यवान आत्मा ही इस दुनिया में सतयुग लाने के लिए निमित्त बनेगी। हर एक अपने जीवन की समस्याओं का समाधान निकालने लगेंगे तो समस्याएं ही खत्म हो जाएंगी।

  • अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी ने बताए सफलता के मंत्र

करणीदान सिंह राजपूत,, श्री गंगानगर/ आबू रोड  –  2 सितम्बर 22

      आज हम सभी एक बहुत ही श्रेष्ठ लक्ष्य के साथ एकत्रित हुए हैं। आपमें से कौन-कौन स्वर्णिम भारत बनाने के लिए पर्सनली तैयार हैं। स्वर्णिम भारत अर्थात् सतयुगी भारत। सतयुगी भारत अर्थात् सतयुगी संस्कार। संस्कारों से ही संसार बनता है। यदि हम सभी तैयार हैं कि सतयुगी संसार बनाएंगे। सारी दुनिया कह रही है कि भारत विश्व गुरु बनेगा। भारत के पास ही वह विधि है जिससे स्वर्णिम दुनिया बनाई जा सकती है। वह विधि है हमारे सतयुगी संस्कारए जिससे सतयुगी भारत बनता है। अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी ने ये उद्गार ब्रह्माकुमारीज संस्थान के मीडिया विंग द्वारा शांतिवन, आबू रोड में आयोजित चार दिवसीय राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन के स्वागत सत्र में व्यक्त किए। सम्मेलन में देशभर से 1500 से अधिक प्रिंट-इलेक्ट्रानिक मीडिया और रेडियो के पत्रकार, संपादक और एंकर पहुंचे थे।

      समाधानपरक पत्रकारिता से समृद्ध भारत की ओर विषय पर आयोजित सम्मेलन में उन्होंने कहा कि श्रीगणेशजी को विघ्न विनाशक गणेश कहा जाता है। हम देखें कि क्या विघ्न विनाशक बनने के लिए तैयार हैं। क्या हम अपने जीवन के और दूसरे के लिए विघ्न विनाशक बन सकते हैं? हमें अपने जीवन और देश पर आए विघ्नों को समाप्त करने वाला बनना है। गणेशजी का सिर ज्ञानवान और गुणमूरत की निशानी है। हम लोग यहां आए हैं अपने अहंकार रूपी सिर को काटने के लिए। उनके जीवन की एक-एक चीज हमें दुखहर्ता-सुखकर्ताए विघ्न विनाशक बना सकती है। आज तक हमने श्रीगणेश जी पूजा-आराधना की लेकिन आज हम उनके जैसा बनने की प्रतिज्ञा करते हैं। गणेशजी की तरह अपना जीवन विघ्न विनाशक, गुणों से सम्पन्न, मूल्यवान और श्रेष्ठ बनाएं। क्योंकि मूल्यवान आत्मा ही इस दुनिया में सतयुग लाने के लिए निमित्त बनेगी। हर एक अपने जीवन की समस्याओं का समाधान निकालने लगेंगे तो समस्याएं ही खत्म हो जाएंगी।

देवतुल्य बनाना होगा स्वभाव

      संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी जयंती दीदी ने कहा कि मीडिया समाज का आधार है। आज चारों ओर जहां नकारत्मकता का माहौल है ऐसे में मीडिया को समस्या के साथ समाधान पर भी बात करना होगी, तभी समृद्ध भारत का निर्माण हो सकेगा। जब मानव का स्वभाव देव तुल्य हो जाएगा तो इस धरा पर स्वर्णिम भारत आ जायेगा।

मीडिया की दशा-दिशा पर चिंतन जरूरी

       नेपाल, काठमांडु से पधारे फ्रीलांस जर्नलिस्ट हरीहर बिराही ने कहा कि यह बहुत बड़ा चिंतन का विषय है कि मीडिया की दशा और दिशा क्या होना चाहिए और आज क्या हो रहा है। सब पत्रकारों को ध्यान देने की जरूत है कि हम कितना अपने धर्म और कर्म का अनुसरण कर रहे हैं या अपनी दिशा से भटक गए हैं। नागरिकों को भी देखना होगा कि हम किस दिशा की पत्रकारिता को बढ़ावा दे रहे हैं। 

      लखनऊ से पधारे आसना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएस त्रिपाठी ने कहा कि जीवन में राजयोग मेडिटेशन अपनाने, सीखने के लिए मेरा पूरा जीवन बदल गया है। सोचने का नजरिया बदलने से जीवन खुशमय हो गया है। राजस्थान निवासी मुंबई से पधारे प्रसिद्ध भजन गायक ओम व्यास ने गीत प्रस्तुत किया। बालिकाओं ने नृत्य से मन मोहा

      विंग के उपाध्यक्ष बीके आत्म प्रकाश ने कहा कि सभी मीडियाकर्मी वापस अपने सेवाकेंद्र पर जाकर राजयोग ध्यान जरूर सीखें। 

      मीडिया विंग का परिचय देते हुए नेशनल को-ऑर्डिनेटर बीके शांतनु ने कहा कि मीडिया विंग विगत तीन दशकों से मूल्यनिष्ठ पत्राकारिता के ध्येय को लेकर कार्य कर रहा है। कोरोनाकाल के चलते इस बार तीन साल बाद राष्ट्रीय स्तर पर मीडिया सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान वॉइस ऑफ ट्रूथ शॉर्ट वीडियो फिल्म के माध्यम से भारतीय सनातन संस्कृति की झलक दिखाई गई।

      नेशनल को-ऑर्डिनेटर बीके निकुंज ने भी अपने विचार व्यक्त किए। बीके शिविका ने ब्रह्माकुमारीज की सामाजिक सेवाओं के बारे में बताया। स्वागत गीत मधुरवाणी ग्रुप के बीके सतीश ने पेश किया। वहीं बैंगलुरु से पधारीं शिव शक्ति सांस्कृतिक अकादमी और खडग़पुर के स्टार चलसा ग्रुप की बालिकाओं ने मनमोहक नृत्य पेश कर सभी को मंत्रामुग्ध कर दिया। सभी पत्राकारों का तिलक के साथ स्वागत किया गया। संचालन हैडक्वार्टर को-ऑर्डिनेटर बीके चंदा ने किया।