Wednesday, December 25

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 2 सितम्बर 22 :

Surya Shasti Vrat - सूर्य षष्ठी व्रत
श्री सूर्य षष्ठी व्रत

नोटः आज श्री सूर्य षष्ठी व्रत है। भाद्रपद माह की षष्ठी तिथि के दिन सूर्य षष्ठी पर्व/व्रत मनाया जाता है।इसमें भगवान सूर्य का पूजन किया जाता है। वर्ष 2017 में यह पर्व 27 अगस्त को मनाया जा रहा है। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में षष्ठी तिथि के दिन सूर्य उपासना का विधान दिया गया है।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः भाद्रपद़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः षष्ठी दोपहर 01.52 तक है, 

वारः शुक्रवार, 

नक्षत्रः विशाखा रात्रि 11.47 तक है। 

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

योगः ऐन्द्र सांय 07.15 तक, 

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः सिंह,  चंद्र राशिः तुला, 

राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.04, सूर्यास्तः 06.38 बजे।