कार्तिकेय कुमार को अपहरण के एक मामले में कथित संलिप्तता के बावजूद विधि मंत्री बनाए जाने पर विपक्ष ने आपत्ति जताई थी और उनके इस्तीफे की मांग की थी। इसके बाद मंगलवार को उनका विभाग बदल दिया गया था और उनसे विधि विभाग लेकर गन्ना विभाग सौंपा गया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्तिक कुमार का इस्तीफा स्वीकार करते हुए राज्यपाल फागू चौहान को अपनी अनुशंसा भेज दी है।
पटना(ब्यूरो) डेमोक्रेटिक फ्रंट – 01 सितंबर :
बिहार के पूर्व मंत्री कार्तिक कुमार उर्फ कार्तिकेय कुमार सिंह के खिलाफ दर्ज अपहरण मामले में पटना के दानापुर कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया है। एडीजे अदालत ने हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कार्तिक कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी। अब उनपर गिरफ्तारी का खतरा मंडरा गया है। बता दें कि इस केस में विवादों के चलते कार्तिकेय कुमार ने नीतीश कैबिनेट से बुधवार को इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे से पहले सीएम नीतीश कुमार ने उनका विभाग भी बदला था। उन्हें कानून मंत्री से हटाकर गन्ना उद्योग मंत्री बनाया गया था।
कार्तिकेय कुमार सिंह के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज है और इसी वजह से कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया था और 16 अगस्त को सरेंडर करने के लिए कहा था। विवाद उस समय उठा जब बाहुबली कार्तिकेय सिंह (Kartikeya Singh) को सरेंडर कराने के बजाय उसी दिन कानून मंत्री पद की शपथ दिला दी गई थी।
इससे पहले इस्तीफे पर चुप्पी तोड़ते हुए कार्तिकेय ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला था। कार्तिकेय सिंह ने कहा कि भूमिहार समुदाय के एक मंत्री को भाजपा बर्दाश्त नहीं कर सकी। वे मेरी छवि खराब करना चाहते हैं, मैं 28 साल से सरकारी शिक्षक हूं। मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है और न्याय मिलने की उम्मीद है। मैंने इस्तीफा दिया क्योंकि यह सब हमारी सरकार की छवि खराब कर रहा था।
दरअसल, साल 2014 में एक शख्स का अपहरण हुआ था। इस मामले में कार्तिकेय सिंह भी आरोपी हैं। उनके खिलाफ अदालत ने वारंट जारी किया है। उन्हें 16 अगस्त को पेश होना था लेकिन वे उस दौरान शपथ ले रहे थे। कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है।
चुनावी हलफनामे में कार्तिकेय ने अपने ऊपर चार मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। इन मामलों में उनके ऊपर चोरी, अपहरण, दंगा करने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, आपराधिक साजिश रचने, जबरन वसूली, घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करने से जुड़े आरोप हैं। इसके साथ ही सार्वजनिक सड़क, पुल, नदी या चैनल को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप उनके ऊपर है।