पहले 100 फिर 51(AAP)और अब 5000 कांग्रेसी ‘आज़ाद’ के समर्थन में

केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रामदास आठवले ने सोमवार को कहा कि हाल ही में कांग्रेस छोड़ने वाले गुलाम नबी आजाद को केंद्र में सत्तारूढ़ NDA के साथ मिलकर काम करना चाहिए। आठवले ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस तेजी से अपनी लोकप्रियता खो रही है और कई नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘गुलाम नबी आजाद को कांग्रेस छोड़ने के बाद अब ‘आजादी’ मिल गई है।’’ 

डेमोक्रेटिक फ्रंट (ब्यूरो, नयी दिल्ली: :

गुलाम नबी आजाद द्वारा पार्टी छोड़े जाने और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधे जाने के बाद से कांग्रेस लगातार उन पर हमले बोल रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को पार्टी ने कहा है कि राज्यसभा की सीट पर संकट आने के बाद ही उन्हें उस ‘दिव्य ज्ञान’ की प्राप्ति हुई जो अब दे रहे हैं। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने जम्मू-कश्मीर में आजाद के समर्थन में कई नेताओं के पार्टी छोड़ने को ज्यादा तवज्जो नहीं देने की कोशिश करते हुए यह भी कहा कि इस केंद्र शासित प्रदेश में पार्टी का अच्छा खासा आधार है और यह लोगों के मुद्दे उठा रही है। ‘आज़ाद’ ने कहा कि सोनिया गांधी ने उन्हें वर्ष 1998 से 2004 तक 8 राज्यों का प्रभारी बनाया। जिसमें से पार्टी ने 7 राज्यों में विजयी हासिल की। कांग्रेस पार्टी में आजतक ऐसा कोई नहीं कर पाया है। उन्होंने कहा कि जिन कांग्रसियों को कांग्रेस का वर्तमान इतिहास नहीं मालुम वही मेरे ऊपर यह आरोप लगा रहे हैं।

आज गुलाम नबी आजाद का कांग्रेस पार्टी छोड़े अभी एक सप्ताह का भी वक्त नहीं हुआ है। इतने कम वक्त में आजाद ने कांग्रेस पार्टी को अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी है। जम्मू कश्मीर की राजनीति में बड़ा रसूख रखने वाले आजाद के कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक सप्ताह से भी कम वक्त में कांग्रेस के 100 से ज्यादा नेता पार्टी छोड़कर आजाद को अपना समर्थन दे चुके हैं।

गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने के बाद उनके समर्थन में पार्टी से निकलने वाले लोगों का सिलसिला लगातार जारी है। मंगलवार को गुलाम नबी आजाद के समर्थन में 65 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अब बुधवार को भी 42 नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। इन सभी नेताओं का कहना है कि वह गुलाम नबी आजाद की नई बनने वाली पार्टी में शामिल होंगे। इस तरह गुलाम नबी आजाद के समर्थन में अब तक पार्टी के 100 से ज्यादा नेता इस्तीफा दे चुके हैं। इन नेताओं में पूर्व डिप्टी सीएम ताराचंद भी शामिल हैं।

बुधवार को जम्मू कश्मीर में आम आदमी पार्टी के 51 नेताओं ने भी पार्टी छोड़कर आजाद को अपना समर्थन दिया है। इतना ही नहीं गुरुवार को कांग्रेस के 5000 कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर आजाद को अपना समर्थन देंगे।

इस बीच गुलाम नबी आजाद ने अपनी पार्टी बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। वह 4 सितंबर को जम्मू में एक रैली को संबोधित करने वाले हैं। कांग्रेस छोड़ने के बाद यह उनका पहला सार्वजनिक कार्यक्रम होगा। माना जा रहा है कि इस रैली के दौरान वह अपनी पार्टी का ऐलान कर सकते हैं। अहम बात यह है कि 4 सितंबर को ही दिल्ली में राहुल गांधी ‘महंगाई पर हल्ला बोल’ रैली को संबोधित करने वाले हैं। साफ है कि गुलाम नबी आजाद के कार्यक्रम के चलते कांग्रेस का यह विरोध प्रदर्शन प्रभावित होगा। गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफे के बाद कहा था कि यह तो अभी शुरुआत है। इसका मतलब यह निकाला जा रहा है कि आने वाले दिनों में उनकी ओर से कांग्रेस पर हमलों में इजाफा हो सकता है।

मिरर नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, गुलाम नबी आजाद के समर्थन में जम्मू कश्मीर के 5000 कांग्रेसी कार्यकर्ता गुरुवार को उरी में होने वाले एक कार्यक्रम के दौरान सामूहिक रूप से इस्तीफा देंगे और आजाद को अपना समर्थन देंगे। इससे पहले बुधवार को 42 कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दिया और कहा कि वे आजाद की होने वाली पार्टी के साथ जुड़ेंगे। कुल मिलाकर जम्मू कश्मीर में आजाद अभी तक कांग्रेस के 100 से ज्यादा नेता और कल हजारों कार्यकर्ताओं को अपने साथ जोड़ेंगे।

गौरतलब है कि आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद ऐलान किया था कि वे जल्द ही अपना दल शुरू करेंगे। उन्होंने जम्मू कश्मीर की राजनीति पर फोकस करने की भी बात कही थी। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उनकी नई पार्टी का नाम क्या होगा और नई पार्टी का गठन कब तक करेंगे, लेकिन जिस तरह आजाद के अपनी पार्टी बनाने से पहले ही बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता जुट रहे हैं, उसने कांग्रेस पार्टी के लिए चिंता जरूर बढ़ा दी है।