संस्थानों के बीच संवाद के लिए परिषद् बनेगा प्लेटफार्म – प्रो. कुठियाला
डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ – 31 अगस्त 22
परिवार पहचान पत्र का अभियान एक सकल अभियान है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश के इस योजना की चर्चा की जा रही है। दूसरे प्रदेश की सरकारें भी इस योजना के कार्यान्वयन को देखने, समझने प्रदेश में आ रही है। अब परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) योजना के क्रियान्वयन में विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों को भी शामिल किया जा रहा है। विद्यार्थी योजना के तरत प्राप्त डेटा का वेरिफिकेशन करेंगे और प्राध्यापक उसको मार्गदर्शित करेंगे। यह कार्य परिवार पहचान पत्र योजना में लाभार्थियों के द्वारा उपलब्ध कराएं गए डेटा का तीन स्तरों पर जांच करने के लिए किया जा रहा है। इस कार्य में प्रदेश के विद्यार्थियों को वालंटियर के रूप से कार्य करने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र के बनने के बाद कई समस्याएं सामने आयी और उन समस्याओं का समाधान तकनीक के माध्यम से निकाला गया है। प्रो. कुठियाला ने कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय में एक व्यक्ति को पीपीपी का कार्य देखेने की जिम्मेवारी दी गई है। इससे कार्य में तेजी आने की संभावना है। परिषद् के अध्यक्ष प्रो. बृज किशोर कुठियाला हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद् द्वारा आयोजित सुशासन के उद्देश्य, प्रक्रिया और उपकरण विषय पर आयोजित बैठक में बोल रहे थे। प्रो. कुठियाला ने कहा कि आज शिक्षा जगत में विचारों, तकनीकों और सुविधाओं को संस्थान के स्तर पर आपस में आंतरिक और बाह्य स्तर पर साक्षा करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसके लिए प्रदेश के उच्च शिक्षा के संस्थानों को आपस में संवाद करने होंगे। संस्थानों को संवाद करने के लिए परिषद् प्लेटफार्म के रूप में कार्य करने के लिए हमेशा उपलब्ध है।
हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद् के नेतृत्व में प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के अधिकारियों की बैठक हरियाणा निवास में बुधवार, 31 अगस्त 2022 को आयोजित किया गया। इस बैठक में मुख्यअतिथि आईएएस वी. उमाशंकर प्रधान सचिव मुख्यमंत्री, हरियाणा सरकार, विशिष्ठ अतिथि उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, हरियाणा के प्रधान सचिव आईएएस विजयेन्द्र कुमार थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने की। बैठक में अतिथियों का परिचय एवं स्वागत परिषद् के परामर्शदाता श्री के.के. अग्निहोत्री ने की।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी.उमाशंकर ने कहा कि परिवार पहचान पत्र का उद्देश्य तकनीकी सहयोग के आधार पर नागरिकों के जीवन को आसान एवं सुविधा संपन्न बनाना है। विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में नामांकन का अधिकांश कार्य परिवार पहचान पत्र के आधार पर ही सफलतापूर्वक संपन्न किया गया है। श्री उमाशंकर ने कहा कि एक कार्ड के होने से नागरिकों को सरकारी योजनाओं में सहभागिता आसानी से हो रही है। पहले नागरिकों के अपने कार्य के लिए सरकारी कार्यालयों में भटकना पड़ता था लेकिन अब तकनीकी सहयोग से संचालित परिवार पहचान पत्र के डेटा के आधार पर सरकार स्वयं की लाभार्थी तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। बैठक में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, हरियाणा के प्रधान सचिव आईएएस विजयेन्द्र कुमार ने भी अधिकारियों को संबोधित किया। बैठक के अंत में परिषद् के परामर्शदाता श्री के.के. अग्निहोत्री ने सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर परिषद् के उपाध्यक्ष प्रो. कैलाशचंद्र शर्मा, CRID की निदेशक सोफिया दहिया एवं अधिकारीगण, प्रदेश के राजकीय विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक अधिष्ठाता, अधिष्ठाता-विद्यार्थी कल्याण, चयनित महाविद्यलयों के प्राचार्य, उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद् के अधिकारीगण उपस्थित थे।