हरियाणा के जेबीटी टीचर्स  पर चंडीगढ़ और हरियाणा  पुलिस ने बर्बरता पूर्वक लाठियां भांजी।

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, पंचकूला – 30 अगस्त :

हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री चन्द्र मोहन ने आरोप लगाया कि  हरियाणा सरकार राष्ट्र निर्माता अध्यापकों को न्याय देने की अपेक्षा उनका अपमान करके उनकी गरिमा पर चोट करके अपने अंहकार  का प्रदर्शन कर रही है और इन जेबीटी शिक्षकों  का कसूर  सिर्फ इतना ही है कि वह अपनी न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं और पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को लागू करने की मांग कर रहे हैं।

            उन्होंने कहा कि इन जेबीटी शिक्षकों की  सरकार से मांग है कि पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने की डबल बेंच ने विगत माह 20 जुलाई  को  अपने फैसले में आदेश दिए थे कि 9870  जेबीटी भर्ती विज्ञापन की  कटआफ तिथि को पूर्ण योग्यता  रखने वाले आवेदकों को ही वैध करार दिया है और इस आदेश के अनुसार  पहली सूची के सभी चयनित उम्मीदवारों सहित प्रतिक्षा सूची में रखे गए सभी जेबीटी शिक्षकों को को तीन महीने में नियुक्ति पत्र जारी किया जाए। यह शिक्षक इस फैसले को तत्परता से लागू करने की मांग कर रहे थे।

        चन्द्र मोहन ने कहा कि यह अध्यापक अपनी व्यथा सुनाने के लिए चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिलना चाहते थे लेकिन चंडीगढ़  पुलिस ने पहले ही बोर्डर पर बैरीकेडिंग करके उनको रोकने का प्रयास किया तथा चंडीगढ़ पुलिस ने चंडीगढ़ बॉर्डर पर  उन्हें रोका तो जेबीटी टीचर्स ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की और इस पर जेबीटी  शिक्षकों पर चंडीगढ़ पुलिस ने कहर बरपाना शुरू कर दिया। पुलिस ने इन टीचर्स पर बल प्रयोग किया तथा पहले वाटर कैनन का प्रयोग किया और फिर कई शिक्षक कंटीली तारों से  घायल हो गए और कटीली  तारों के बैरिकेड से जेबीटी टीचर्स के हाथ लहु लुहान हो गए इस पर भी पुलिस की बर्बरता समाप्त नहीं हुई और वह लगातार इन भावी राष्ट्र निर्माताओं पर लाठीचार्ज करते रहे ।

       चन्द्र मोहन ने  हरियाणा  के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांग की है कि इनकी उचित मांगों को ध्यान में रखते हुए इनको तुरंत न्याय देने का प्रयास करें और  हाईकोर्ट के आदेश की पालना करते हुए इसे तुरंत ही लागू किया  जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में  सभी श्रेणियों के 30 हजार से अधिक पद अध्यापकों के  पद  खाली पड़े हुए हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हरियाणा सरकार की गलत नीतियों का ही परिणाम है कि बेरोजगारी के मामले में हरियाणा प्रदेश ने नया रिकॉर्ड कायम किया है।