प्रधानमंत्री की अपील पर दूरदर्शन पर क्यों देखें स्वराज कार्यक्रम
करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मन की बात में लोगों से अपील की है कि आजादी के अमृत महोत्सव में दूरदर्शन ने स्वराज कार्यक्रम बनाया है उसे जरूर देखेंं। मोदी जी ने कहा कि यह कार्यक्रम हर रविवार को रात के 9:00 बजे दिखा
या जाएगा। 75 एपिसोड के इस कार्यक्रम को देखें जिसमें आजादी के लाने वालों के बारे में जानकारी मिलेगी।
नरेंद्र जी मोदी से सवाल है कि आजादी के 75 सालों में 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 की अवधि के आपातकाल के सेनानियों का कहीं जिक्र और रहा है या नहीं हो रहा है। देश को दूसरी आजादी दिलाने वाले आपातकाल लोकतंत्र सेनानी आज वृद्धावस्था में बहुत पीड़ा जनक हालत में एक-एक करके संसार से विदा हो रहे हैं। उनके परिवार विभिन्न प्रकार की परेशानियों से जूझ रहे हैं और अनेक परिवारों में रोटी तक का संकट है।
इनकी आवाज को देश का प्रधानमंत्री गृह मंत्री नहीं सुन रहे। ऐसी स्थिति में लोकतंत्र सेनानी परिवार स्वराज कार्यक्रम को देखकर कौन सी खुशी मनाएंगे? खुशी उस हालत में होती है जब आदमी स्वस्थ हो और पेट भरा हुआ हो। उनको कोई परेशानी ना हो।
अधिकांश लोकतंत्र सेनानियों की हालत तो बहुत दयनीय है। पेट भरा हुआ नहीं है। परेशानियों से जूझ रहे हैं और स्वास्थ्य भी साथ नहीं दे रहा है। सरकार को कोई चिंता भी नहीं है।
ऐसे हालात में लोकतंत्र सेनानी स्वराज में क्या देखेंगे और प्रधानमंत्री की अपील पर क्यों देखेंगे?
कार्यक्रम अच्छा हुआ चर्चा हुई तो सब लोग अपने आप कार्यक्रम को देखने के लिए उत्सुक होंगे।
लेकिन प्रधानमंत्री की अपील पर क्यों देखा जाए? जब प्रधानमंत्री हमारी अपील नहीं सुनते।
वैसे भी एक बात कटु सत्य कहना चाहता हूं कि दूरदर्शन में आज क्या है? कौन देखता है? जनता ने दूरदर्शन को तो केवल सरकार के प्रचार का डिब्बा मान लिया गया है।
मेरा यह लेख पढ़ने वाले भी अच्छी तरह जानते हैं कि वह और उनके परिवार दूरदर्शन नहीं देखते। सरकार के प्रचार से सरकार की योजनाओं से लोकतंत्र सेनानियों को अगर लाभ होता तो निश्चित रूप से प्रधानमंत्री को अपील करने की कोई आवश्यकता ही नहीं होती।
प्रधानमंत्री ने संपूर्ण देशवासियों से कहा है कि स्वराज को देखा जाए। सबसे बड़ा सवाल है कि प्रधानमंत्री ने आम जनसाधारण को जिसे रोटी इलाज शिक्षा और मकान की आवश्यकता है उन्हें क्या दिया है? पूरा देश महंगाई से त्रस्त है।
वृद्ध स्त्री पुरुष रेल में कितनी दूरी की यात्रा करते हैं और साल भर में कितनी यात्रा कर सकते हैं? उनके लिए रेलवे कंसेशन बंद कर रखा है और आग्रह करने के बाद भी वृद्ध स्त्री पुरुषों के लिए रेलवे ने छूट शुरू नहीं की। रेल का किराया भी कोरोना काल में बढ़ाया गया वह कम नहीं किया गया।
आम जनसाधारण जिसमें आपातकाल लोकतंत्र सेनानी परिवार भी आते हैं उन्हें कोई लाभ नहीं मिला।
आम जनता महंगाई से बुरी तरह से त्रस्त है। आपातकाल लोकतंत्र सेनानी भी त्रस्त हैं।
- कांग्रेस को कितना भी बुरा बताएं आलोचना करें उनके नेताओं को अभद्र भाषा में कोसते रहे लेकिन उन्होंने तो अपने लोगों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा भी दिया और बहुत अच्छी पेंशन और सुविधाएं भी शुरू की जो आज भी दी जा रही है. लेकिन राष्ट्रवादी कहलाने वाले राजनैतिक दल भारतीय जनता पार्टी ने और उसके नेताओं ने प्रधानमंत्री गृहमंत्री ने आपातकाल के लोकतंत्र सेनानियों को दूसरी आजादी लाने वालों को न सम्मान दिया न सुविधाएं दी।
- आलोचना तो आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार की और इनके प्रधानमंत्री गृहमंत्री की जानी चाहिए। भला बुरा भी भारतीय जनता पार्टी को कहा जाना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी की सरकार को कोसा जाना चाहिए कि उसने आपातकाल लोकतंत्र सेनानियों के लिए सालों तक मांग पत्र ज्ञापन देने के बावजूद भी किसी एक पत्र का उत्तर तक नहीं दिया।
- आपातकाल लोकतंत्र सेनानी गणतंत्र दिवस स्वतंत्रता दिवस पर आशा लगाए रहते कि प्रधानमंत्री लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान की घोषणा कर देंगे। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर भी लोकतंत्र सेनानियों को बहुत बड़ी आशा थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त 2022 को लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान की घोषणा अवश्य ही कर देंगे। लेकिन यह आशा बहुत बड़ी निराशा में बदल गई। क्या यह यह अफसोस जनक नहीं है।
आपातकाल लोकतंत्र सेनानी लगातार प्रधानमंत्री के रवैये से भारतीय जनता पार्टी के रवैये से घोर निराशा में है।
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को समर्थकों को जनप्रतिनिधियों को इस पर विचार करना चाहि…..…