पंचांग 25 अगस्त 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 25 अगस्त 22 :
नोटः आज अघोरा चतुर्दशी व्रत है : अघोरा चतुर्दशी को मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश, असम, सिक्किम, उत्तराखंड और नेपाल में मनाया जाता है। इस दिन खासतौर से कुश या दूर्वा को विशेष रूप से धरती से उखाड़कर एकत्रित करके रखना विशेष फलदायी माना जाता है। अघोरी चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान ध्यान कर पूजा पाठ करने का विधान है। इसके साथ ही साथ इस दिन जप करना और पित्तरों की शांति के लिए कपड़े और भोजन दान करना महत्वपूर्ण माना जाता है। हिन्दू धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दिन विशेष रूप से सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए और जल एवं कुश लेकर दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके अपने सभी पित्तरों को जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सफलता आती है और परिवार के सुख शांति में इजाफा होता है।
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः भाद्रपद़,
पक्षः कृष्ण,
तिथिः त्रयोदशी तिथि प्रातः 10.38 तक है,
वारः गुरूवार।
विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः पुष्य दोपहर 04.16 तक है,
योगः वरीयान रात्रि 01.56 तक,
करणः वव,
सूर्य राशिः सिंह, चंद्र राशिः कर्क,
राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,
सूर्योदयः 06.00, सूर्यास्तः 06.46 बजे।