मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के अधिकारियों पर सीबीआई की अम्बाला में रेड

सीबीआई की टीम सोमवार दोपहर को अधिकारी के क्वार्टर पहुंची और करीब चार घंटे तक पूछताछ करते हुए उनके क्वार्टर को खंगाला। इस कार्रवाई के दौरान वहां हड़कंप का माहौल बना रहा। इस कार्रवाई से मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (एमईएस) कार्यालय में भी स्टॉफ सहित अन्य अधिकारियों में हलचल रही। हालांकि देर रात तक सीबीआई ने हिरासत में लिए सैन्य अधिकारी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की। जिसमें आर्मी के लेफ्टिनेंट कर्नल राहुल पवार, सूबेदार मेजर प्रदीप कुमार, सप्लायर दिनेश कुमार और ठेकेदार प्रितपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई ने रेड कर लेफ्टिनेंट कर्नल राहुल पवार के परिसर से 32 लाख 50 हजार पर बरामद किए हैं, जबकि ठेकेदारों के पास से 16 लाख 50 हजार रुपये बरामद किए गए हैं। अब सीबीआई की ओर से इस पूरे मामले में जांच की जा रही है, जिसके चलते एमईएस का पूरा रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है और भारी संख्या मे रिकॉर्ड को जप्त किया गया है।

चहेतों को टेंडर देने के आरोपों में सीबीआइ ने चार लोगों को गिरफ्तार कर 48.50 लाख रुपये की बरामदगी की थी। सीबीआइ ने सीडब्ल्यूई कनर्ल वसीम सिद्दकी के कार्यालय का रिकार्ड खंगाला। देर शाम कर्नल को चंडीगढ़ ले गई टीम। कर्नल के आवास के पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है

नरेश शर्मा भारद्वाज, डेमोक्रेटिक फ्रंट, अंबाला/चंडीगढ़ :  

जैम पोर्टल (गर्वनमेंट ई मार्केट पैलेस) पर चहेतों को टेंडर आवंटित करने के मामले में 4 लोग गिरफ्तार किए गए। सेना के दो अधिकारी और दो ठेकेदारों को पंचकूला स्थित सीबीआइ कोर्ट में पेश किया गया। यहां से चारों को चार-चार दिन के रिमांड पर भेजा गया है।

उधर अंबाला छावनी स्थित कर्नल वसीम सिद्दकी के घर सीबीआइ ने घंटों सर्च अभियान चलाया और बाद में उसे गिरफ्तार कर चंडीगढ़ ले गई। हालांकि सीबीआइ के अधिकारी पुष्टि करने से बच रहे हैं। जबकि सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ उसे चंडीगढ़ साथ ले गई है। वहीं कर्नल के आवास के आसपास के कुछ मकानों को भी सील कर दिया गया है और वहां सेना की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

सीबीआई की टीम सोमवार दोपहर को अधिकारी के क्वार्टर पहुंची और करीब चार घंटे तक पूछताछ करते हुए उनके क्वार्टर को खंगाला। इस कार्रवाई के दौरान वहां हड़कंप का माहौल बना रहा। इस कार्रवाई से मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (एमईएस) कार्यालय में भी स्टॉफ सहित अन्य अधिकारियों में हलचल रही। हालांकि देर रात तक सीबीआई ने हिरासत में लिए सैन्य अधिकारी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की।
उधर, सूत्रों के अनुसार संबंधित सैन्य अधिकारी भी भ्रष्टाचार में संलिप्त हो सकता है। सीबीआई ने इस पूरे प्रकरण से आर्मी इंटेलीजेंस को अवगत करा दिया है। उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने सैन्य क्षेत्र में निर्माण कार्य का टेंडर दिलाने के लिए रिश्वत मांगने के मामले में सैन्य अधिकारियों और ठेकेदार समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था और उनके पास से 48.50 लाख रुपये बरामद किए थे।
दस्तावेज जब्त कर ई-मेल खंगाली
सूत्रों से मुताबिक सीबीआई की टीम ने एमईएस कार्यालय से संबंधित टेंडरों से जुड़े दस्तावेजों को भी अपने कब्जे में लिया। साथ ही पकड़े गए वरिष्ठ बैरक स्टोर अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल राहुल पवार, सूबेदार मेजर प्रदीप कुमार, ठेकेदार दिनेश कुमार व प्रीतपाल की सभी ईमेल को भी खंगाला। बताया जाता है कि रिमांड के दौरान रिश्वखोरी के मामले में बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। बता दें कि सीबीआई की टीम को छापेमारी में लेफ्टिनेंट कर्नल के घर से 32.50 लाख रुपये तो ठेकेदारों से करीब 16 लाख रुपये बरामद हुए थे।
सामान का पांच से दस गुना रेट बढ़ाकर पोर्टल पर डालते थे
सूत्रों ने बताया कि एमईएस के अधिकारियों व ठेकेदारों की सांठगांठ इस तरह होती थी कि पोर्टल पर पहले ही सामान का पांच से दस गुणा तक रेट बढ़ाकर डाला जाता था। संबंधित ठेकेदारों को उनके कोड वर्ड अलॉट कर दिए जाते थे। भले ही पोर्टल को कोई भी आवेदन करें और कम रेट डाले लेकिन कोड वर्ड की मदद से टेंडर उन्हें ही अलॉट होता था। बताया जाता है कि पकड़े गए ठेकेदारों के पास ही ज्यादा टेंडर थे। हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए गवर्नमेंट ई-मार्केट पैलेस यानी जैम पोर्टल लांच किया गया है। बावजूद इसके अधिकारी इस पोर्टल में भी गड़बड़ी कर चहेतों को लाखों को फायदा पहुंचाते थे। इन टेंडर में सेना के सरकारी कार्यालयों, सेना क्वार्टरों और सड़कों की मरम्मत सहित अन्य काम शामिल बताए जा रहे हैं।