बहन अनु त्यागी के सम्मान में सर्व समाज मैदान में :- सलेश त्यागी गोल्डी

  • श्रीकांत त्यागी व उनके परिवार के समर्थन में हुई महापंचायत 

सुशील पंडित, डेमोक्रैटिक फ्रंट, यमुनानगर हरियाणा :

 उत्तर प्रदेश के नोएडा में त्यागी समाज की महापंचायत हुई जिसमें विभिन्न प्रदेशों के विभिन्न ज़िलों से त्यागी समाज के लोगों ने हिस्सा लिया। इसी के तहत हरियाणा के यमुना नगर से त्यागी समाज वैलफेयर सोसायटी (रजि) के सदस्यों ने भी इसमें बढ़ चढ़ कर भाग लिया । यमुना नगर से सोसायटी के अध्यक्ष उमेश त्यागी के नेतृत्व में लगभग 20 गाड़ियों का क़ाफ़िला नोएडा के लिए रवाना हुआ, जिसमें मुख्य रूप से जननायक जनता पार्टी से हल्का यमुना नगर से पूर्व में विधानसभा प्रत्याशी रहे पंडित सलेश त्यागी, मनोज त्यागी ,विरेंद्र त्यागी, सुबोध त्यागी, राघव त्यागी, मुकेश दत्त त्यागी , दुष्यंत त्यागी , अनिल त्यागी , सुबोध त्यागी ,अमित त्यागी, ,राघवत्यागी ,सतदेव त्यागी , दिनेश त्यागी व संजय त्यागी शामिल रहे। इस मौक़े पर सलेश त्यागी ने बताया कि श्रीकांत त्यागी और उनके परिवार के साथ जो अन्याय हुआ है, हम उसका पुरज़ोर विरोध करते हैं और इस परिवार को न्याय दिलाने के लिए तन मन धन से उनके साथ खड़े हैं। उमेश त्यागी ने बताया कि महापंचायत में उमड़े जन सैलाब से यह ज़ाहिर है कि त्यागी समाज एकजुट है, और यदि भविष्य में किसी भी प्रकार का आंदोलन करना पड़ा तो हम सदैव त्यागी समाज के साथ खड़े हैं ।

सलेश त्यागी ने बोलते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जैमर लगा दिया, नेट बन्द कर दिया, मीडिया को खरीद लिया लेकिन पूरे देश ने देखा कि अपने समाज की गलत तस्वीर पेश करने के विरोध में त्यागी ब्राह्मण समाज सड़क पर उतर आया और ऐसी ऐतिहासिक महापंचायत की जिसकी कोई मिसाल नहीं है।6 लाख से ज्यादा लोग महापंचायत में आए लेकिन सभी ने इस बात का ध्यान रखा कि उनके कारण किसी को भी असुविधा न हो. शान्ति, सौजन्यता, सौहार्द और पूरी संवेदनशीलता के साथ महापंचायत हुई। इतनी जबरदस्त भीड़ लेकिन सब कुछ पूरी तरह व्यवस्थित न धक्का मुक्की, न अफरातफरी, न भगदड़, न ही किसी भी तरह की कानून व्यवस्था की समस्या।

आज पूरी दुनिया ने जाना त्यागी होने का क्या मतलब है। त्यागी ने कहा कि ईश्वर का लाख लाख धन्यवाद जो उसने हमें ऐसे समाज में जन्म दिया जो अपनी सभ्यता, संस्कृति, सदाशयता और संस्कारों के लिए जाना जाता है। जलनखोर कितना भी छत पर चढ़कर चिल्ला लें, चरित्र हनन के कितने भी कुत्सित प्रयास कर लें, सत्य सूर्योदय के समान होता है जिसे छिपाना असम्भव होता है।