आनंद शर्मा बोले- मेरी रगों में कांग्रेस की विचारधारा, संचालन समिति से इस्तीफा, चुनाव के लिए परामर्श में अनदेखी का आरोप
आनंद शर्मा ने ट्वीट कर लिखा कि मैंने हिमाचल चुनाव के लिए कांग्रेस की संचालन समिति की अध्यक्षता से भारी मन से इस्तीफा दिया है। मैं आजीवन कांग्रेसी हूं और अपने विश्वास पर कायम हूं। मेरे खून में दौड़ने वाली कांग्रेस की विचारधारा के लिए मैं प्रतिबद्ध हूं, इसमें कोई शक नहीं है। हालांकि, एक स्वाभिमानी व्यक्ति के रूप में निरंतर बहिष्कार और अपमान को देखते हुए मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा था।
शिमला, डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता : ,
पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा के कांग्रेस की प्रदेश चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने से पार्टी की गुटबाजी फिर जगजाहिर हो गई। विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी प्रदेश कांग्रेस कमेटी को यह बड़ा झटका है। आनंद शर्मा भले ही प्रदेश में चुनावी राजनीति से सीधे तौर पर नहीं जुड़े रहे लेकिन कई सीटों पर उनके समर्थकों का प्रभाव माना जाता है।
आनंद शर्मा ने ट्वीट कर लिखा कि मैंने हिमाचल चुनाव के लिए कांग्रेस की संचालन समिति की अध्यक्षता से भारी मन से इस्तीफा दिया है। मैं आजीवन कांग्रेसी हूं और अपने विश्वास पर कायम हूं। मेरे खून में दौड़ने वाली कांग्रेस की विचारधारा के लिए मैं प्रतिबद्ध हूं, इसमें कोई शक नहीं है। हालांकि, एक स्वाभिमानी व्यक्ति के रूप में निरंतर बहिष्कार और अपमान को देखते हुए मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा था।
गौरतलब है कि अखिल भारतीय कांग्रेस (AICC) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसी साल 26 अप्रैल को आनंद शर्मा की अध्यक्षता में 10 सदसीय चुनाव संचालन समिति का गठन किया था। सूत्रों की मानें तो AICC अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में शर्मा ने कहा है कि वह अपने आत्म सम्मान से समझौता नहीं कर सकते। इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं।
उन्होंने हिमाचल में हो रहे विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर प्रदेश कांग्रेस परामर्श प्रक्रिया में अनदेखी करने का आरोप जड़ा है। अध्यक्ष होने के बावजूद उन्हें बैठक में नहीं बुलाया गया। इसलिए उन्होंने यह जिम्मेदारी निभाने से इंकार किया है। हालांकि उन्होंने सोनिया से यह जरूर कहा कि वह राज्य में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार जारी रखेंगे।
हिमाचल से संबंध रखने वाले आनंद शर्मा बीते दिनों भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से दिल्ली में मुलाकात कर चुके हैं। इसके बाद आनंद शर्मा के निरंतर भाजपा में जाने को लेकर चर्चाएं हो रही है। आनंद शर्मा के कुछ समय से गांधी परिवार के साथ अच्छे संबंध नहीं चल रहे। वह भी जी-23 गुट के नेता है।
आनंद शर्मा से पहले जी-23 गुट के ही एक अन्य नेता गुलाम नबी आजाद भी जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे चुके हैं।
AICC अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 26 अप्रैल को प्रतिभा सिंह को प्रदेशाध्यक्ष बनाने के अलावा चार कार्यकारी अध्यक्ष और 8 अन्य कमेटियां गठित की थी। तब आनंद शर्मा को स्टीयरिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। इसमें वरिष्ठ नेता आशा कुमारी, धनीराम शांडिल, कुलदीप सिंह राठौर, विप्लप ठाकुर, कौल सिंह ठाकुर, राम लाल ठाकुर, चंद्र कुमार, सुरेश चंदेल और हर्ष वर्धन चौहान को सदस्य बनाया गया।
उपचुनाव में चार-जीरो से भाजपा को पटकनी देने वाली कांग्रेस को विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को कई झटके लग रहे हैं। इससे पहले हिमाचल कांग्रेस के वर्किंग प्रैजिडेंट एवं MLA पवन काजल और कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं MLA लखविंद्र राणा भाजपा में शामिल होकर कांग्रेस को झटका दे चुके हैं। अब आनंद शर्मा के इस्तीफे के बाद सियासी अटकलों का बाजार फिर गर्म हो गया है।