नीतीश सरकार के क़ानून मंत्री कार्तिकेय सिंह पर रविशंकर प्रसाद का निशाना, कहा ‘कार्तिकेय को बर्खास्त और सख्त कार्रवाई की जाए’
पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, “नीतीश कुमार जी आपके कानून मंत्री कोर्ट की प्रक्रिया से मजाक कर रहे हैं उनका एंटीसिपेटरी बेल पटना हाई कोर्ट ने फरवरी 2017 में खारिज कर सरेंडर करने के लिए कहा था। पीड़ित ने साफ तौर पर कहा कि उनके अपहरण में कार्तिकेय सिंह की बड़ी भूमिका थी। ये अपहरण का गंभीर केस है जिसमें कार्तिकेय सिंह सरेंडर नहीं करते हैं। इसमें आजीवन कारावास या कम से कम दस साल की सजा का प्रावधान है।” कार्तिकेय सिंह के मंत्री के तौर पर शपथ लेते ही सोशल मीडिया समेत तमाम जगहों पर ऐसी ख़बरें चलने लगीं कि उनके ख़िलाफ़ वारंट जारी किया जा चुका है। कोर्ट की नज़रों में वो फ़रार हैं, और फ़रार होते हुए उन्होंने बतौर विधि मंत्री शपथ ले ली। प्राप्त जानकारी के अनुसार, उन पर पटना ज़िले के बिहटा थाने में अपहरण का मामला दर्ज है। मामला आईपीसी की 363, 365, 364 और 34 धाराओं के तहत दर्ज है।
- नीतीश के मंत्री कार्तिकेय सिंह पर दर्ज हैं कई मामले
- बाहुबली नेता अनंत सिंह के करीबी माने जाते हैं कार्तिकेय सिंह
- बीजेपी ने कार्तिकेय सिंह समेत कई मंत्रियों को लेकर नीतीश को घेरा
सारिका तिवारी/पटना(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/पटना :
बिहार में नीतीश सरकार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह शपथ लेते ही विवादों में घिरे हुए है और उन्हें बर्खास्त किए जाने की मांग की जा रही हैं। दरअसल कार्तिकेय सिंह के वारंट को लेकर बवाल मचा हुआ है। इस बीच नेताओं का बयानबाजी का दौर जारी है। अब भारतीय जनता पार्टी के नेता व केंद्रीय मंत्री का बयान सामने आया है।
भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि नीतीश कुमार RJD के सामने झुक गए है वो RJD से समझौता कर रहे है। ये एक बड़ा सवाल है की आखिर पांच साल पहले का आदेश हैं तो कार्तिकेय सिंह ने अभी तक सरेंडर क्यों नहीं किया। दरअसल नीतीश कुमार कानून प्रक्रिया से खिलवाड़ कर रहे है। मामले को लेकर जांच होनी चाहिए और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करने पर कार्यवाही होनी चाहिए। साथ ही कार्तिकेय सिंह को उनके पद से बर्खास्त करने की मांग की।
कार्तिकेय सिंह के मंत्री के तौर पर शपथ लेते ही सोशल मीडिया समेत तमाम जगहों पर ऐसी ख़बरें चलने लगीं कि उनके ख़िलाफ़ वारंट जारी किया जा चुका है। कोर्ट की नज़रों में वो फ़रार हैं, और फ़रार होते हुए उन्होंने बतौर विधि मंत्री शपथ ले ली। प्राप्त जानकारी के अनुसार, उन पर पटना ज़िले के बिहटा थाने में अपहरण का मामला दर्ज है। मामला आईपीसी की 363, 365, 364 और 34 धाराओं के तहत दर्ज है।
आईपीसी की 363 : भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति भारत से या किसी क़ानूनी अभिभावक की संरक्षता से किसी का अपहरण करता है तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही वह आर्थिक दंड के लिए भी उत्तरदायी होगा। सजा – सात वर्ष कारावास + आर्थिक दंड।
आईपीसी की 364 : भारतीय दंड संहिता की धारा 364 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति की हत्या करने के लिए उसका व्यपहरण या अपहरण करे या उस व्यक्ति को ऐसे व्यवस्थित करे कि उसे अपनी हत्या होने का ख़तरा हो जाए, तो उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कठिन कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
आईपीसी की 365 : भारतीय दंड संहिता की धारा 365 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति का गुप्त और अनुचित रूप से सीमित / क़ैद करने के आशय से व्यपहरण या अपहरण करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
आईपीसी की 34 : भारतीय दंड संहिता की धारा 34 के अनुसार, जब कई लोग समान इरादे से कोई आपराधिक कृत्य करते हैं तो उनमें से प्रत्येक इस कृत्य के लिए उसी तरह जवाबदेह होगा, जैसे उसने अकेले इस काम को अंजाम दिया हो।
हालांकि RJD कार्तिकेय सिंह पर लगे अपराधिक मामले को झूठा करार दे रही है। बिहार में क़ानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर जारी वारंट पर RJD प्रमुख लालू यादव ने कहा है ऐसा कोई मामला नहीं है ,सुशील मोदी झूठ बोल रहे है।
दरअसल नीतीश सरकार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। नीतीश सरकार में एक दिन पहले जिस कानून मंत्री ने शपथ ली थी उन पर अपरहण का केस दर्ज है। ताज्जुब की बात ये है की कल उन्हें अपहरण के केस में दानापुर कोर्ट में सरेंडर करना था लेकिन वो दूसरी तरफ कानून मंत्री की शपथ लेने राजभवन पहुंचे हुए थे। नए कानून मंत्री के लिए अपरहण मामले में गैरजमानती वारंट जारी है।कार्तिकेय सिंह को न तो बिहार की पुलिस पकड़ पाई है न ही कोर्ट में उनकी पेशी हुई है।
कार्तिकेय सिंह पर क्या मामला है?
साल 2014 में राजीव रंजन नाम के एक व्यक्ति का अपहरण किया गया था। इस मामले में दर्ज एफआईआर में अपहरण के आरोपियों में कार्तिकेय सिंह का नाम भी शामिल है। केस अदालत में लंबित है। इसी सिलसिले में उन्हें वॉरंट जारी किया गया था।
वहीं मीडिया में कोर्ट का वो आदेश भी सामने आया है जिसके मुताबिक कार्तिकेय सिंह को 1 सितंबर तक गिरफ्तारी से राहत दी गई है। 12 अगस्त 2022 के इस आदेश में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 1 सितंबर तक कार्तिकेय सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगाई है जिस पर अब सवाल उठ रहे हैं।