पंचांग, 17 अगस्त 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्राटिक फ्रंट : 17 अगस्त 2022
नोटः आज भाद्रपद संक्रान्ति है। विशेष महत्व रखने वाली भाद्रपद संक्रांति 17 अगस्त बुधवार को है। 17 अगस्त सुबह 7 बजकर 23 मिनट पर सूर्य सिंह राशि मे प्रवेश करेंगे।भाद्रपद संक्रांति का पुण्यकाल 17 अगस्त दोपहर 01 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।
इस दिन पवित्र नदियों, सरोवर में स्नान एवं दान-पुण्य के लिए बड़ा अच्छा माना गया है। ब्राह्माणों को भोजन, मिष्ठानादि का दक्षिणा सहित यथाशक्ति दान कर एक समय भोजन करना चाहिए। इस दिन किया गया दान अन्य शुभ दिनों की तुलना में दस गुना अधिक पुण्य देने वाला होता है। कोरोना महामारी के चलते घर में पानी में गंगाजल डाल कर स्नान करें और घर के आस पास जरूरतमंद लोगों को यथा संभव दान अवश्य करें।
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः भाद्रपद़,
पक्षः कृष्ण,
तिथिः षष्ठी रात्रि काल 08.25 तक है,
वारः बुधवार,
नक्षत्रः अश्विनी रात्रि 09.57 तक है।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।
योगः अतिगण्ड सांय 08.56 तक,
सूर्य राशिः सिंह, चंद्र राशिः मेष,
करणः गर,
सूर्योदयः 05.55, सूर्यास्तः 06.55 बजे।
राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,