“भारतीय स्वाधीनता में भारतीय भाषाओं का योगदान” संस्कृत विभाग में आयोजन किया गया
Koral ‘Purnoor’, Demokretic Front, Chandigarh August 17, 2022
आज दिनांक 17.04.2022 को संस्कृत तथा उर्दू विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ द्वारा ‘भाषा संवाद’ कार्यक्रम के अन्तर्गत “भारतीय स्वाधीनता में भारतीय भाषाओं का योगदान, (उर्दू के विशेष सन्दर्भ में)” विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन संस्कृत विभाग में किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में उर्दू विभाग के अध्यक्ष डॉ. अली अब्बास ने उर्दू साहित्यकारों की कविताओं के माध्यम से स्वतन्त्रता आन्दोलन में किये गये योगदान के महत्त्व पर विशेष चर्चा की। डॉ. अब्बास ने प्रसिद्ध शायर गालिब से लेकर इकबाल तक के सभी कवियों का परिचय देते हुए उनके भाषाशास्त्रीय योगदान तथा भाषाओं के अन्तःसम्बन्ध की सुन्दर व्याख्या की। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. वीरेन्द्र कुमार अलंकार ने भारतीय भाषाओं के योगदान पर जानकारी देते हुए कहा कि स्वतन्त्रता आन्दोलन के समय लाहौर से एक पत्रिका प्रकाशित होती थी, जिसका संस्कृत शीर्षक वन्दे मातरम् होते हुए भी भाषा उर्दू होती थी। प्रो. अलंकार ने भारत की उन्नति और विकास के लिए सभी भाषाओं के साहित्य को एक साथ मिलकर आगे बढने की ओर प्रेरित किया। कार्यक्रम के अन्त में उपस्थित उर्दू व संस्कृत विभाग के अध्यापक, शोधच्छात्र एवं स्नातकोत्तर छात्रों का धन्यवाद करते हुए भारतीय साहित्य संरक्षण में विशेष ध्यान देने की चर्चा की।