पंचांग, 16 अगस्त 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्राटिक फ्रंट : 16 अगस्त 2022
नोटः आज पंचक रात्रि 09.07 से पंचम समाप्त हो रहे है। एवं चंदन षष्ठी व्रत
चंदन षष्ठी व्रत : भारत के कई प्रांतों में चन्दन षष्टी को चंद्र षष्ठी को बलराम जयन्ती, ललही छठ, बलदेव छठ, रंधन छठ, हलछठ, हरछठ व्रत, चंदन छठ, तिनछठी, तिन्नी छठ आदि कई नामों से अलग-अलग राज्यों में मनाया जाता है। यह व्रत विवाहिताएं और कन्याएं दोनों ही रखती हैं। जिनका विवाह हो चुका है वे अपने पति की लंबी उम्र के लिए और कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए व्रत करती हैं।
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः भाद्रपद़,
पक्षः कृष्ण,
तिथिः पंचमी रात्रि काल 08.18 तक है,
वारः मंगलवार,
नक्षत्रः रेवती रात्रि 09.07 तक है।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
योगः शूल रात्रि 09.49 तक,
करणः कौलव,
सूर्य राशिः कर्क, चंद्र राशिः मीन,
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 05.55, सूर्यास्तः 06.56 बजे।