संगीतमयी ‘वर्षा ऋतु संगीत संध्या’ के कार्यक्रम में आनंदित हो उठे श्रोतागण
डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ – 09 अगस्त :
इंडियन नेशनल थियेटर द्वारा शास्त्रीय संगीत कार्यक्रम ‘वर्षा ऋ तु संगीत संध्या’ का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य वर्षा के आगमन को हर्षोल्लास से मनाना है। यह कार्यक्रम दुर्गादास फाउंडेशन के सहयोग से सेक्टर 26 स्थित स्ट्रॉबेरी फील्डस हाई स्कूल के सभागार में आयोजित किया गया था।
इस शास्त्रीय संगीत कार्यक्रम में जाने माने शास्त्रीय संगीत के प्रख्यात ख्याल गायक मधुप मुद्गल (पद्मश्री) ने अपने गायन की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।
मधुप मुद्गल (पद्मश्री) ने कार्यक्रम की शुरूआत राग मियां मल्हार से की जिसमें उन्होंने सर्वप्रथम विलंबित एक ताल में निबद्ध रचना करीम नाम तेरो जो कि पंडित कुमार गंधर्व जी द्वारा रचित थी प्रस्तुत की। जिसके पश्चात उन्होंने जायो रे बदरा, तीन ताल में निबद्ध छोटा ख्याल श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने मल्हार के प्रकार जैसे गौड़ मल्हार, मेघ मल्हार, सुर मल्हार व अन्यों रागों की प्रस्तुतियां देकर उपस्थित श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।
मधुप मुद्गल (पद्मश्री) एक प्रख्यात शास्त्रीय संगीतकार हैं। वह अपने ख्याल और भजन गायन के लिए अत्यंत लोकप्रिय है। मधुप मुद्गल का जन्म नई दिल्ली में ग्वालियर घराने के प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकार प्रोफेसर विनय चंद्र मौदगल्य (पद्मश्री) के यहाँ हुआ। उनके पिता ने 1939 में प्लाजा सिनेमा, कनॉट प्लेस के पास अपने घर से गंधर्व महाविद्यालय, नई दिल्ली की शुरुआत की। प्रोफेसर विनय चंद्र मौद्गल्य को आज विजया मुले की एनीमेशन फिल्म एक अनेक और एकता में हिंद देश के निवासी गीत के बोल के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है, जिसने सर्वश्रेष्ठ शैक्षिक फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता। मधुप एक संगीतमय माहौल में पले-बढ़े, जहां पं. ओंकारनाथ ठाकुर, अली अकबर खान, कुमार गंधर्व जैसे महान संगीतकारों की बैठक नियमित रूप से हुआ करती थीं। आप 1995 में अपने पिता द्वारा स्थापित गंधर्व महाविद्यालय, दिल्ली के प्राचार्य के रूप में संगीत प्रशिक्षिण क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य निभा रहे हैं आपको 2006 में भारत सरकार से प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया तथा 2018 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी द्वारा पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम के दौरान मधुप मुद्गल (पद्मश्री) के साथ हारमोनियम पर डॉ अराविंद थट्टे तथा तबला पर खरग सिंह ने बखूबी संगत की, जबकि उनकी सुपुत्री सावनी मुद्गल, विवेक भोला, कुशल शर्मा ने मुखर समर्थन (वोकल स्पोर्ट) व तानपुरा पर संगत की।