चिराग पासवान पहले ही कह चुके हैं कि वो पीएम मोदी के हनुमान हैं। सवाल उठता है कि यदि बिहार में जदयू ने अपना पाला बदला तो मुकेस सहनी से दूर जा चुकी बीजेपी के पास क्या सिर्फ चिराग पासवान ही बचेंगे? हाल में चिराग की केंद्र से दूरी जगजाहिर है। लेकिन ये भी तय है कि चिराग की आज भी पीएम मोदी में आस्था है।
- बिहार में जेडीयू-बीजेपी में तलाक का ऐलान अब केवल औपचारिकता
- जेडीयू के एनडीए से अलग होने से सबसे ज्यादा खुश होंगे चिराग पासवान
- गौरतलब है कि चिराग लगातार सीएम नीतीश पर हमला करते रहे हैं
सारिका तिवारी(राजनैतिक विश्लेषक) डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/पटना :
बिहार में बड़ा सियासी बदलाव हुआ है। यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और बीजेपी के साथ जेडीयू के गठबंधन को तोड़ दिया है। अचानक हुए इस बदलाव से सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है। इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि, “आज नीतीश कुमार की विश्वसनीयता शून्य हो गई है। हम चाहते हैं कि बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू हो और राज्य को नए सिरे से जनादेश देना चाहिए। आपकी (नीतीश कुमार) कोई विचारधारा है या नहीं? अगले चुनाव में जेडीयू को जीरो सीटें मिलेंगी। नीतीश कुमार किसी के प्रति वफादार नहीं हैं।”
दिल्ली में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए चिराग ने कहा- देखिए उन्होंने शरद पवार और प्रशांत किशोर के साथ क्या किया? विधानसभा चुनाव से पहले ही मैंने लोगों को चेतावनी दी थी कि नीतीश कुमार कभी भी दलबदल कर सकते हैंऔर वह समय फिर से आ गया है। उन्होंने आगे कहा कि कहा कि नीतीश कुमार ने दूसरी बार लोगों के जनादेश का अपमान किया है। उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने और फिर से चुनाव कराने की भी मांग की है। चिराग ने कहा राज्य में नए सिरे से चुनाव होने दें।
चिराग पासवान ने ये बयान जेडीयू द्वारा भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथ अपना गठबंधन तोड़ने और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को लेकर आया है। दूसरी तरफ राज्यपाल फग्गू चौहान को इस्तीफा सौंपने के बाद राजभवन से बाहर निकले नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सभी सांसदों और विधायकों की इस बात पर आम सहमति पर हैं कि हमें एनडीए छोड़ देना चाहिए।
चिराग पासवान ने कहा कि कोई है जो नीतीश कुमार को सबसे अच्छी तरह जानता है तो वो मैं हूं। उनके अहंकार ने राज्य को तबाह कर दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए के साथ चुनाव लड़ने से इनकार करने का एकमात्र कारण यह था कि वह नीतीश कुमार के साथ गठबंधन नहीं करना चाहते थे। इस बीच बीजेपी ने नीतीश कुमार के इस्तीफे को बिहार की जनता के साथ विश्वासघात बताया है। बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा- हमने एनडीए के तहत बिहार विधानसभा 2020 का चुनाव एक साथ लड़ा। जनादेश जद (यू) और भाजपा के लिए था। हमने अधिक सीट जीतने के बाजवूद नीतीश कुमार को सीएम बनाया। आज जो कुछ भी हुआ वह बिहार के लोगों और भाजपा के साथ विश्वासघात है।
चिराग पासवान ललन सिंह के उसी ‘चिराग मॉडल’ का जवाब देने के लिए मीडिया के सामने आने वाले हैं। दरअसल, महाराष्ट्र में शिंदे गुट की बगावत से काफी पहले बिहार में जदयू ने लोजपा को दो फाड़ कर दिया था। बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान खुलकर नीतीश कुमार के विरोध में थे। उस समय वे भाजपा के सहयोगी के रूप में भी काम कर रहे थे। लेकिन, भाजपा ने तब उन्हें नीतीश विरोध के लिए रोका-टोका नहीं। बाद में चुनावी गठबंधन नहीं हो पाया। लोजपा अकेले चुनावी मैदान में उतरी और पार्टी को महज 1 सीट पर जीत मिली। इसके बाद जदयू की ओर से पशुपति कुमार पारस को साधकर चिराग पासवान को उनकी ही बनाई गई पार्टी लोजपा में अलग-थलग कर दिया गया। लोजपा को चुनाव आयोग ने सीज करते हुए चिराग और पारस गुट को अगल-अलग नाम से पार्टी अलॉट कर दी। लोजपा का चुनाव चिह्न बंगला छाप भी जब्त हो गया। ऐसे में चिराग के प्रेस कांफ्रेंस पर हर किसी की नजर रहेगी। वे जदयू अध्यक्ष के चिराग मॉडल का क्या जवाब देते हैं। यहां पढ़िए चिराग पासवान के प्रेस कांफ्रेंस का लाइव कवरेज।