पंचांग, 4 अगस्त 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज शीतला सप्तमी एवं गोस्वामी तुलसीदास जयंती है।
शीतला सप्तमी : सावन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शीतला सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। मां शीतला को मां दुर्गा का ही अवतार माना जाता है। मां का ये रूप काफी सरस और मोहक है। माना जाता है कि शीतला सप्तमी पर शीतला मां की विशेष पूजा करने से रोगों से मुक्ति मिलने के साथ और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
गोस्वामी तुलसीदास जयंती : इस साल 2022 में तुलसीदास जयंती 04 अगस्त, गुरुवार को मनाई जाएगी। गोस्वामी तुलसीदास 16वीं सदी के महान संत और कवियों में एक माने जाते हैं। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के राजापुर नामक गांव में हुआ था। सन् 1554 में जन्म लेने वाले संत तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना की जो कि अमर काव्यों में से एक है।
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः श्रावण़,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः सप्तमी 29.07 तक है,
वारः गुरूवार।
विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः चित्रा सांयकाल 06.48 तक है,
योगः साध्य सांय 04.33 तक,
करणः गर,
सूर्य राशिः कर्क, चंद्र राशिः कन्या,
राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,
सूर्योदयः 05.48, सूर्यास्तः 07.06 बजे।