स्वतंत्रता से पहले के सभी व्यक्तियों को सरकार देगी सम्मान- मुख्यमंत्री मनोहर लाल
सरकार की योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने में एनएसएस का अहम योगदान
नेशनल इंटीग्रेशन कैंप का नाम अब ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’
हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद् का आयोजन
कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 3 अगस्त, 22 :
सेवा का भाव देश के नागरिकों में राष्ट्रीयता का संचार करता हैं। सेवा भावना हमें एक-दूसरे से जोड़ती हैं। व्यक्ति का सबसे बड़ा धर्म सेवा है। सेवा भाव में “मै नहीं हम“ का भाव नि:स्वार्थ होना चाहिए। यह विचार हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद् द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में कहे। मुख्यमंत्री ने राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित समाज कल्याण केन्द्रित योजनाएं के बारे में जागरूकता बढ़ाने में राष्ट्रीय सेवा योजना के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा परिचालित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ज़रूरतमंदों तक पहुंचना चाहिए। इसे समाज के अंतिम पंक्ति तक ले जाने का कार्य राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक कर सकते है। प्रदेश के सभी जिलों के एनएसएस समन्वयकों को संबांधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हर घर तिरंगा फहराने की योजना को सफल बनाने में एनएसएस स्वयंसेवक अहम भूमिका निभा सकते है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एनएसएस द्वारा आयोजित होने वाले नेशनल इंटीग्रेशन कैंप का नाम बदल कर ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ रखने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1947 से पहले प्रदेश में जन्म लेने वाले सभी व्यक्तियों को सरकार द्वारा सम्मान प्रदान किया जाएगा। इस कार्य को हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद् के सहयोग से एनएसएस के स्वयंसेवक करेंगे। इस कार्यशाला का उदेश्य राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से राज्य और केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं से विद्यार्थियों, प्राध्यापकों, अभिभावकों और आम जनता को परिचित कराने, इसके साथ जोड़ने और इन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करने का प्रयास करना था।
हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने सभी एनएसएय कार्यक्रम समन्वयकों को कार्यशाला के उदेश्य के बारे जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शिक्षक और छात्र का संबंध सीखने-सिखाने का है। वर्तमान समय में यह समाज के कल्याण में भागीदारी का भी हो गया है। प्रो. कुठियाला ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी प्राध्याकों के इस भूमिका पर प्रकाश डाला गया है। उन्होंने कहा कि प्राध्यापक और विद्यार्थी का संबंध समाज के साथ गहरा होता है। इसलिए सरकार द्वारा परिचालित कल्याणकारी योजनाओं को सही और प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए इनकी भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक अपने साथी विद्यार्थियों, परिवारजनों, पड़ोसियों व रिश्तेदारों को भी जागरूक व प्रेरित करने का काम करे। प्रो. कुठियाला ने कहा इसके लिए एन एस एस समन्वयक योजना बनानी होगी।
कार्यशाला के उच्च शिक्षा विभाग, हरियाणा के उप निदेशक डॉ. अजीत सिंह ने बताया कि प्रदेश में राष्ट्रीय सेवा योजना की 1224 इकाइयां सरकार के सहयोग से और 310 इकाइयां स्ववित्त रूप में चल रही हैं। उन्होंने बताया कि देश में सिर्फ हरियाणा सरकार राष्ट्रीय सेवा योजना को 2 करोड़ सालाना वित्तीय अनुदान देता है। हरियाणा में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से राष्ट्रीय सेवा योजना में काम करने वाले स्वयंसेवक भविषय में बदलाव का सूत्रधार बनेंगे। प्रथम सत्र में परिषद् के उपाध्यक्ष प्रो. कैलाश चंद शर्मा ने सभी प्रतिभागिओं का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यशाला के दूसरे सत्र में केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में परिषद् के कनिष्ठ शैक्षणिक अन्वेषक एवं नियोजक राधिका प्रजापति और अपूर्व पांडेय ने प्रस्तुति दी।
कार्यशाला के दूसरे सत्र में परिषद् के उपाध्यक्ष प्रो. कैलाशचंद्र शर्मा के नेतृत्व में हरियाणा सरकार की समाज कल्याण केन्द्रित योजनाओं को और बेहतरीन ढंग से लागू करने एवं जनजागरूकता करने के लिए प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों एवं जिला एन.एस.एस. अधिकारिओं से विचार-विमर्श किया। दूसरे सत्र में परिषद् के अध्यक्ष प्रो. बृज किशोर कुठियाला में कहा कि हर घर तिरंगा अभियान में तिरंगा की प्रतिष्ठा के अनुरूप सभी को आचरण करना होगा। उन्होंने बताया कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में जागरूकता लाने के लिए सभी हितधारकों के साथ भविष्य में एक बैठक आयोजित कर योजनाओं के चयन एवं कार्यान्वयन पर कार्य किया जाएगा। प्रो. कुठियाला ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से हर घर तिरंगा योजना को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाया जा सकता है।
कार्यशाला के अंत परिषद् के परामर्शदाता के.के.अग्निहोत्री ने सभी प्रतिभागिओं का आभार व्यक्त किया। इस कार्यशाला में हरियाणा सरकार के प्रमुख सचिव वी उमाशंकर, अतरिक्त मुख्यसचिव डॉ. अमित अग्रवाल, उच्च शिक्षा विभाग के महानिदेशक राजीव रतन के साथ प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय एवं जिला के एनएनएस कार्यक्रम अधिकारी, उच्च शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग एवं हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी उपस्थित थे।