एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में निहार ठाकरे
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में निहार ठाकरे राजनीति में उतरने जा रहे हैं। इसलिए, ठाकरे परिवार से एक और व्यक्ति महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में प्रवेश करेगा। इसलिए देखना होगा कि आने वाले समय में महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण कितने बदलेंगे। निहार ठाकरे बिंदुमाधव ठाकरे की लंबी उम्र हैं। आज उनकी मुलाकात एकनाथ शिंदे से हुई। इस मौके पर शिंदे समूह की भारतीय कामगार सेना की पदाधिकारी किरण पावस्कर भी उनके साथ मौजूद थीं। शिंदे गुट में निहार ठाकरे के प्रवेश से एकनाथ शिंदे की बगावत और भी तेज हो सकती है। निहार ठाकरे भाजपा नेता हर्षवर्धन पाटिल के दामाद हैं। कुछ महीने पहले निहार ठाकरे और अंकिता पाटिल की शादी हुई थी। उसके बाद निहार ठाकरे राजनीति में किस्मत आजमाने जा रहे हैं।
कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/ मुंबई :
शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के भतीजे और दिवंगत बिंदुमाधव ठाकरे के बेटे निहार ठाकरे ने शुक्रवार को शिवसेना के बागी नेता से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे से मुलाकात की और उन्हें अपना समर्थन दिया। शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के पोते निहार मुंबई में वकील के तौर पर काम करते हैं। उनके पिता बिंदुमाधव की 1996 में एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
पिछले महीने, एकनाथ शिंदे तथा शिवसेना के 39 अन्य विधायक और 10 निर्दलीय विधायकों ने ठाकरे के खिलाफ विद्रोह कर दिया था जिससे महाराष्ट्र की शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस के गठबंधन वाली महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी जिसका नेतृत्व उद्धव कर रहे थे। बाद में एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने 30 जून को क्रमश: मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के लिए एकनाथ शिंदे की बगावत रोज नए संकट खड़े कर रहा है। पहले एकनाथ शिंदे ने 40 शिवसेना विधायकों को अपने पाले में किया और उद्धव ठाकरे से सीएम पद छीन कर ले गए। अब ठाकरे परिवार में ही रार सामने आई है। जानकारी के अनुसार, उद्धव ठाकरे के भतीजे निहार ठाकरे ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे से मुलाकात की और उन्हें अपना समर्थन दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स हैं कि एकनाथ शिंदे ने निहार से मुलाकात के दौरान कहा कि उन्हें भी राजनीति में उतरना चाहिए। इस पर निहार ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में ही राजनीति में उतरने की बात कही।
निहार ठाकरे के पिता बिंदुमाधव ठाकरे थे, जिनकी 1996 में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। बिन्दुमाधव बाला साहेब ठाकरे के तीन बेटों में सबसे बड़े थे। अन्य दो में उद्धव ठाकरे और जयदेव ठाकरे हैं। राजनीतिक रूप से देखा जाए तो निहार ठाकरे के पिता बिन्दुमाधव राजनीति में सक्रिय नहीं थे। वे एक फिल्म निर्माता रहे हैं। अब एकनाथ शिंदे का बाला साहेब ठाकरे के पोते से मुलाकात करना और अपने पाले में शामिल करना महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ी उथल-पुथल का संकेत दे रहा है।
बता दें कि एक तरफ एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे की शिवसेना को लगातार झटके दे रहे हैं। दूसरी ओर उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे एकनाथ शिंदे पर लगातार हमला बोल रहे हैं। अपनी निष्ठा यात्रा के दौरान आदित्य ठाकरे दावा कर चुके हैं कि एकनाथ शिंदे की सरकार ज्यादा देर नहीं चलेगी। जल्द ही महाराष्ट्र की जनता को मध्यावति चुनाव देखने होंगे।