सांसद जब जनहित के मुद्दे ही सदन में नहीं उठा सकते तो नया संसद भवन बनाने की क्या जरुरत – दीपेन्द्र हुड्डा
- · देश में सांसदों को नहीं संविधान को सस्पेंड किया जा रहा – दीपेन्द्र हुड्डा
- · महंगाई, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार, कुशासन जैसे जरूरी मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए जांच एजेंसियों का हो रहा दुरूपयोग – दीपेन्द्र हुड्डा
- · सत्ता के अहंकार में BJP सरकार प्रजातंत्र पर कर रही रोज प्रहार– दीपेन्द्र हुड्डा
- · सत्ता में बैठे लोग बिना राग-द्वेष के काम करने की शपथ पर रहें कायम – दीपेन्द्र हुड्डा
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 27 जुलाई :
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सांसद जब जनहित के मुद्दे ही सदन में नहीं उठा सकते तो फिर नया संसद भवन बनाने की क्या जरुरत है। वो लगातार सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि महंगाई, खाद्य पदार्थों पर GST, बेरोजगारी, अग्निपथ और केन्द्रीय जांच एजेंसियों के दुरूपयोग जैसे जरूरी मुद्दों पर सदन में चर्चा हो, लेकिन सरकार इन मुद्दों पर चर्चा कराना नहीं चाहती। उन्होंने कहा कि हर रोज़ जब इन मुद्दों पर चर्चा की मांग उठाई जाती है तो विपक्ष के सांसदों को सस्पेंड कर दिया जाता है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि देश में सांसदों को नहीं संविधान को सस्पेंड किया जा रहा है। महंगाई, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार, कुशासन जैसे जरूरी मुद्दों से देश की जनता का ध्यान भटकाने के लिए ही जांच एजेंसियों का दुरूपयोग कर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्त्व को परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष द्वारा जनहित के मुद्दों को लेकर सड़कों पर लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन को कुचलने के लिए सरकार अलोकतांत्रिक हथकंडों का इस्तेमाल कर रही हैं। शांतिपूर्ण विरोध करने पर भी पुलिस जबरन उठा कर पुलिस लाइन ले जाती है और घंटों हिरासत में रखती है। उन्होंने सवाल किया कि सांसदों का स्थान संसद की बजाय क्या पुलिस लाइन में है? दीपेन्द्र हुड्डा आज फिर लगातार दूसरे दिन धरने पर बैठे थे, जहाँ पुलिस ने सभी सांसदों के साथ उनको भी गिरफ्तार कर लिया। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सरकार में बैठे लोगों को याद रखना चाहिए कि उन्होंने बिना राग-द्वेष के काम करने की शपथ ली थी और उन्हें उस शपथ पर कायम रहना चाहिए। सत्ता के अहंकार में BJP सरकार प्रजातंत्र पर रोज प्रहार कर रही है।