पंचकूला अस्पताल का असली चेहरा सामने आया : शशि शंकर तिवारी
- गरीब असहाय बीमार बुजुर्ग को स्टॉफ़ से लेकर चिकित्सक भी धक्का दे कर बाहर निकाल फेंकते हैं
- तिवारी ने अनिल विज से इस बुज़ुर्ग को अति शीघ्र उचित इलाज के लिये आदेश देने व दोषी अस्पताल स्टाफ के ऊपर कार्यवाही की मांग की
- 65-70 साल का बुजुर्ग को पैर टूटने व बीमार होने से इमरजेंसी के बाहर पड़ा हुआ है : अगर इलाज नहीं हुआ तो उसको पैर व शरीर में कीड़े पड़ जाएंगे
डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चण्डीगढ़ :
समाजसेवी शशि शंकर तिवारी बीती रात जब अपने बच्चे की तबियत खराब होने पर रात 2 बजे सिविल अस्पताल सेक्टर 6 पंचकूला पहुँचे तो वहाँ इमरजेंसी के बाहर एक 65-70 साल का बुजुर्ग नीचे गिरा हुआ था और दर्द से करा रहा था। वो भूखा था और रोटी मांग रहा था। तिवारी ने मानवता के दिखते हुए उसको व्हील चेयर पर बिठाया और उसको खाना खिलाया।
बाद में उसे कंटीन के टिन शेड में सुलाया। उस बुज़ुर्ग का कहना है कि डॉक्टर, स्टाफ, कंटीन वाले भगा देते है। कोई भी इलाज नहीं हो रहा है क्योंकि वो लावारिस स्थिति में है।
तिवारी ने हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से इस बुज़ुर्ग को अति शीघ्र उचित इलाज के लिये आदेश देने व दोषी अस्पताल स्टाफ के ऊपर कार्यवाही की मांग की है। तिवारी ने कहा कि आपके द्वारा इतनी कड़ाई करने और सरकार की तरफ से ऐसे लाचार बेसहारा मरीजों के लिये करोड़ों रुपए जारी करने के बाद भी ऐसा होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
सिविल अस्पताल स्टाफ बेसहारा व लाचार मरीजों को ऐसे मरने के लिये छोड़ देते है। यह तो सिर्फ एक उदाहरण है ऐसे ना जाने कितने मरीज होंगे।