पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज श्रावण शिवरात्रि व्रत है।
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः श्रावण़,
पक्षः कृष्ण,
तिथिः त्रयोदशी सांय 06.48 तक है
। वारः मंगलवार,
नक्षत्रः आर्द्रा अरूणोदयकाल 04.09 तक है,
योगः व्यातिपात सांय 04.07 तक,
करणः वणिज
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
, सूर्य राशिः कर्क, चंद्र राशिः मिथुन,
सूर्योदयः 05.43, सूर्यास्तः 07.12 बजे।