EC के नोटिस पर बरसे संजय राउत
महाराष्ट्र में शिवसेना नेता संजय राउत ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बालासाहेब ने 56 साल पहले हिंदुत्व को ध्यान में रखकर शिवसेना की स्थापना की थी। अब चुनाव आयोग इस पर सवाल उठा रहा है। यह महाराष्ट्र के लोगों के लिए बेहद शॉकिंग हैं। राउत की यह प्रतिक्रिया चुनाव आयोग के उस आदेश के बाद आई है, जिसमें उसने शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट से शिवसेना में नेताओं की मेजॉरिटी साबित करने संबंधी कागजात मांगे हैं।
- संजय राउत ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे ने 56 साल पहले हिंदुत्व को सोचकर पार्टी बनाई थी और आज इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
- शिवसेना सांसद ने कहा कि चुनाव आयोग का नोटिस महाराष्ट्र के लोगों के लिए चौंकाने वाला है.
- चुनाव आयोग ने दोनों गुटों से 8 अगस्त तक दस्तावेज जमा करने के लिए कहा है.
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, नई दिल्ली :
चुनाव आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को नोटिस भेजा है। नोटिस में दोनों नेताओं से ईसी ने शिवसेना पर अधिकार के दावे को साबित करने के लिए डाक्यूमेंट्स उपलब्ध कराने को कहा है। चुनाव आयोग के इस नोटिस पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों के लिए यह चौंकाने वाला है।
संजय राउत ने कहा कि आज उद्धव ठाकरे ही शिवसेना के एकमात्र नेता हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली हमारी पार्टी को बर्बाद करना चाहती है। वहीं चुनाव आयोग ने चुनाव चिन्ह (रिजर्वेशन एंड एलॉटमेंट) आदेश 1968 के पैराग्राफ 15 के तहत दोनों पक्षों से कागजात मांगे हैं। इससे पूर्व शिंदे गुट ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिवसेना का चुनाव चिन्ह धनुष-बाण खुद को दिए जाने की मांग की थी। इसके पीछे उन्होंने लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा में मौजूद अपनी संख्या को आधार बनाया है।
गौरतलब है कि पिछले महीने शिवसेना के दो तिहाई विधायकों ने बगावत कर दी थी। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में यह विधायक गुवाहाटी चले गए थे। इसके बाद कुछ दिनों के नाटकीय घटनाक्रम के तहत शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे सरकार से समर्थन वापस ले लिया था और सरकार गिर गई थी। इसके बाद भाजपा के समर्थन से एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र में सरकार बना ली थी। फिलहाल ठाकरे और शिंदे पक्ष में पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह को लेकर टकराव जारी है।
संजय राउत ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दिल्ली हमारी पार्टी को बर्बाद करना चाहती है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आज के समय में सिर्फ उद्धव ठाकरे ही शिवसेना के इकलौते नेता है।
चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को नोटिस भेजकर पार्टी पर अपने अधिकार को साबित करने के लिए दस्तावेज पेश करने के लिए कहा है। आयोग की तरफ से दोनों गुटों को इस संबंध में 8 अगस्त तक का समय दिया गया है।
बता दें कि इससे पहले मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पार्टी के चुनाव चिन्ह धनुष-तीर आवंटित करने की मांग की थी। अपने पत्र में शिंदे गुट ने खुद को असली शिवसेना होने का दावा किया इसके पीछे उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर द्वारा दी गई मान्यता का हवाला दिया।