Monday, December 23

मदरसा बोर्ड के चेयरमैन इफ्तिखार अहमद जावेद की मानें तो यूपी सरकार जो कदम उठाने जा रही है, उसके अनुसार मदरसों को फंडिंग कहां से हो रही है, इसकी जांच होगी। इतना ही नहीं, मदरसों को कौन सी संस्थाएं मदद कर रही हैं और किस तरह की मदद कर रही है, इसकी भी जांच होगी। साथ ही मदरसा शिक्षा परिषद की नई नियमावली तैयार की जाएगी। वाराणसी जिले में फर्जी मदरसों को लेकर नकेल कसने की तैयारी पूरी कर ली गई है। शहर में करीब 100 मदरसों की पात्र योग्य मान्यता नहीं है। इसलिए सर्वे के बाद मदरसों को लेकर बड़ा कदम सामने आ सकता है। 

लखनऊ(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट, लखनऊ: 

उत्तर प्रदेश में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों पर जल्द ही योगी सरकार का शिकंजा कसने वाला है। यूपी के ऐसे मदरसों पर नकेल कसने के लिए योगी सरकार ने पूरी प्लानिंग कर ली है। मदरसा बोर्ड के चेयरमैन इफ्तिखार अहमद जावेद ने यह जानकारी दी कि यूपी के मदरसों की पड़ताल करने के लिए जल्द एक सर्वे शुरू किया जाएगा। इस सर्वे के माध्यम से फंडिंग से लेकर मदरसे के संचालन की पूरी जानकारी हासिल की जाएगी।

मदरसा बोर्ड के चेयरमैन इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि सर्वे के बाद पात्र मदरसों को ही मान्यता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस साल से मदरसों में नए और आधुनिक विषयों की पढ़ाई शुरू होगी। मदरसों में नए विषयों के लिए शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी और शिक्षकों की नियुक्ति मे सभी पैमाने पूरे किए जाएंगे।

इस साल से मदरसों में नए व आधुनिक विषयों की पढ़ाई शुरू की जाएगी। उसके बाद मदरसों में नए विषयों की शिक्षा, शिक्षकों की नियुक्ति के लिए मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा ली जाने वाली परीक्षा आदि के बारे में प्रावधान किया जाएगा। इसके पहले अनुदानित व गैर अनुदानित मान्यता प्राप्त मदरसों की शिक्षिकाओं को मातृत्व अवकाश का लाभ दिलाने का निर्णय लिया गया। राज्य से अनुदानित मदरसों में मातृत्व अवकाश एवं बाल्य देखभाल इत्यादि का अवकाश का लाभ दिए जाने के लिए शासन स्तर से आदेश निर्गत कराने के लिए मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार को अधिकृत किया था।