पीएफआई की तुलना RSS से करने पर पटना के SSP मानवजीत सिंह ढिल्लो पर भड़की बीजेपी, बताया- मानसिक दिवालिया
पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में बड़े आतंकी माड्यूल का उद्भेदन किया गया है। आतंकी भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने के मिशन पर काम कर रहे थे। उनके निशाने पर नुपूर शर्मा तथा अन्य लोग भी थे। आतंकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना आने के दिन किसी घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे। इसी बीच सुरक्षा एजेंसियों को इसकी भनक लग गई और पुलिस ने कार्रवाई कर दी। एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों के बयान पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। हर मुद्दे पर मुखर रहने वाले बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों “दिमागी तौर पर दिवालिया हो गए हैं। बचौल ने सरकार से मांग की उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाए।”
पटना(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट, पटना :
पटना पुलिस ने बड़े टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनका संबंध PFI से बताया जा रहा है। लेकिन इसी बीच पटना के SSP मानवजीत सिंह ढिल्लो ने PFI की तुलना RSS से कर दी, जिसके बाद वह सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गए। इस मामले में अब पटना SSP को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो की थ्योरी पूरे मामले को हल्का बना रही है। जबकि संदिग्ध आतंकियों के मंसूबे बेहद खतरनाक थे। फुलवारी शरीफ के एएसपी मनीष कुमार सिन्हा ने बुधवार को बताया था कि आईबी की सूचना के आधार पर 11 जुलाई को नया टोला नहर स्थित अहमद पैलेस में मोहम्मद जलालुद्दीन के मकान में छापेमारी की गई, जो झारखंड पुलिस का रिटायर सब इंस्पेक्टर है। इसके अलावा फुलवारी शरीफ के गुलिस्तान मोहल्ला के रहनेवाले अतहर परवेज के यहां पुलिस ने दबिश दी, जो प्रतिबंधित संगठन सिमी का पूर्व सदस्य भी है। अतहर परवेज, सिमी के अभियुक्तों का बेल कराते रहा है। फिलहाल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के सक्रिय सदस्य है। संगठन की आड़ में ये दोनों (मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज) देश विरोधी बैठक करते थे। इसमें स्थानीय, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के PFI/SDPI के सक्रिय सदस्य भाग लेते रहे हैं। इन बैठकों में सांप्रदायिकता और देश विरोधी जहर उपस्थित लोगों के दिमाग में भरने का काम किया जाता था।
पूरे मामले पर पटना के सीनियर पुलिस ऑफिसर मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि ‘इसका जो मॉडस (उद्देश्य) था कि ये लोग…जैसे शाखा होती है आरएसएस की…आरएसएस की शाखा में लाठी की ट्रेनिंग देते हैं। उसी तरह से ये लोग शारीरिक प्रशिक्षण…फिजिकल एजुकेशन के नाम से ये लोग अपने यूथ को बुलाते और प्रशिक्षण दे रहे थे और उसी के साथ अपना जो एजेंडा है…प्रोपेगेंडा है…उसके माध्यम से यूथ का ब्रेनवॉश करने का काम कर रहे थे।’ जबकि फुलवारीशरीफ स्थित नया टोला इलाके में मार्शल आर्ट और शारीरिक प्रशिक्षण की आड़ में देश विरोधी गतिविधियां चल रही थी। सुरक्षा बलों ने मौके से रिटायर्ड दारोगा और सिमी के पूर्व सदस्य को गिरफ्तार किया था। 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश रची जा रही थी। मगर पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो को लगा कि RSS की तरह यूथ को शारीरिक प्रशिक्षण दिया जा रहा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 जुलाई को पटना दौरे पर थे। इससे कुछ घंटों पहले ही संदिग्ध आतंकी अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को गिरफ्तार किया गया। दो दिन बाद जब पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो मीडिया से सामने आए तो विवादित बयान दे दिए। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की तुलना राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) से कर दी है। उन्होंने कहा कि पकड़े गए लोग सिमी के कार्यकर्ता रहे हैं। जिस तरह आरएसएस की शाखा में स्वयं सेवकों को शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाता है, उसी तरह पकड़े गए लोगों को भी मस्जिद में ट्रेनिंग दी जा रही थी। जबकि जिन आतंकियों को गिरफ्तार किया गया वो भारत को साल 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने का खतरनाक मंसूबा पाले थे। उस पर काम कर रहे थे। इनमें अतहर परवेज सिमी का पूर्व सदस्य रहा है। साल 2001, 2003, 2013 में बिहार में जो भी आतंकी घटनाएं हुई हैं, उसमें अतहर ने गिरफ्तार लोगों के बेलर बनने का काम किया। वो पिछले दो साल से PFI-SDPI का सदस्य है। मोहम्मद जलालुद्दीन झारखंड में दारोगा रह चुका है।
पटना पुलिस के नए खुलासे के मुताबिक 6 और 7 जुलाई को जलालुद्दीन के मकान में स्थित PFI कार्यालय में मार्शल आर्ट/ शारीरिक शिक्षा के नाम पर साजिश रची गई थी। देश विरोधी अस्त्र/शस्त्र की ट्रेनिंग देने, धार्मिक उन्माद फैलाने और आतंकवादी गतिविधि करने की बात सामने आई है। काफी गोपनीय ढंग से ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया था। इसमें शामिल लोगों को निर्देश दिया गया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में जाकर अधिक से अधिक लोगों को प्रशिक्षित, प्रेरित और उन्मादित करें। इसमें बिहार के अलावा कई राज्यों के चरमपंथी और सांप्रदायिक लोग शामिल हुए थे। खुफिया विभाग से मिले इनपुट के आधार पर पटना पुलिस ने छापामारी की। यहां से पीएफआई का झंडा, पम्पलेट, बुकलेट और गुप्त दस्तावेज मिले। इनमें 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का रोडमैप भी मिला। मुहिम चलाने से संबंधित दस्तावेज मिशन-2047 बरामद किया गया। अब पुलिस इनके आगे की लिंक खंगाल रही है।
प्रतिबंधित संगठनों ने भारत को ध्यान में रखकर ‘मिशन इस्लाम 2047’ तैयार किया है। इसका मुख्य मकसद 2047 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाना है। मिशन को सफल बनाने के लिए कई स्तर की प्लानिंग की गई है। उदाहरण के तौर पर देश के अलग-अलग कोने से ऐसे लोगों का चयन करना जो इस तरह की सोच को सपोर्ट करते हैं। ऐसे लोगों का चयन कर उन्हें विशेष ट्रेनिंग देना। ट्रेंड लोग समाज में जाकर अपने तर्कों से लोगों की सोच बदलने का काम करेंगे। ट्रेनिंग के दौरान दो समुदायों के बीच विद्वेष फैलाने का काम करना है।