लखनऊ के कैसरबाग इलाके में पालतू पिटबुल डॉग द्वारा अपनी मालिकन बुजुर्ग महिला की नोच-नोचकर हत्या मामले में लखनऊ नगर निगम ने बयान जारी किया है। लखनऊ नगर निगम ने उन लोगों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं जिनके पास अमेरिकी पिटबुल, रोटवीलर, साइबेरियन हस्की, डोबर्मन पिंसर, बॉक्सर और जर्मन शेफर्ड जैसे कुत्ते हैं। निगम के मुताबिक लखनऊ में सभी प्रजातियों के 4824 पालतू कुत्तों को लाइसेंस जारी किए हैं, जिनमें से 23 लाइसेंस पिटबुल के हैं।
लखनऊ(ब्यूरो) डेमोक्रेटिक फ्रंट, लखनऊ :
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कैसरबाग के बंगाली टोला में मंगलवार सुबह रिटायर्ड शिक्षिका सुशीला त्रिपाठी (82) की उनके घर में पल रहे पिटबुल डॉग ने नोंच खाया, जिससे उनकी मौत हो गई। सुशीला त्रिपाठी परिवार के साथ कैसरबाग के बंगाली टोला में रहती थीं। वह नारी शिक्षा निकेतन में शिक्षिका के पद से सेवानिवृत्त हुई थीं। सुशीला और उनके परिवार ने घर में एक लेब्राडोर तो दूसरा खूंखार प्रजाति का पिटबुल डॉग पाल रखा है।
जिस पालतू कुत्ते को कभी गोद में बिठाकर अपने बच्चे की तरह रुई के फाहे से दूध पिलाया, प्यार दिया, उसने ही दर्दनाक मौत दे दी। घटना उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में घटी है। लखनऊ के कैसरबाग में पालतू पिटबुल कुत्ते ने एक 82 साल की अपनी मालकिन को नोच-नोच कर मार डाला। मृतका सुशीला त्रिपाठी कैसरबाग के बंगाली टोला इलाके में परिवार के साथ रहती थीं। मंगलवार सुबह सुशीला छत पर दोनों श्वानों को टहला रही थीं। इस दौरान अचानक से पिटबुल ने सुशीला पर हमला कर पेट, सिर, चेहरा, पैर और हाथ में कई जगह नोंच लिया। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं। जिस समय यह घटना हुई, उस दौरान सुशीला के घर में केवल नौकरानी ही थी। सुशीला की चीख सुनकर वह छत पर पहुंची तो उन्हें खून से लथपथ देख शोर मचाया। सूचना पर सुशीला का बेटा अमित भी आ गया। आनन-फानन उन्हें ट्रॉमा सेंटर ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
मोहल्ले में रहने वाली मुन्नी ने बताया कि कुत्ते ने सुशीला को बुरी तरह जगह-जगह नोच डाला था। मांस के लोथड़े तक बाहर आ गए थे। वह खून से लथपथ हालत में थी। सुशीला का बेटा अमित त्रिपाठी अपने एक साथी के साथ चादर में ढककर उन्हें गाड़ी से अस्पताल ले जा रहा था। बहुत ही खौफनाक मंजर था। सुशीला के शरीर से टपकता खून देखकर मोहल्ले का हर व्यक्ति दहशत में था।
सुशीला के घर में रोजाना अखबार डालने के लिए ओम प्रकाश जाते हैं। उन्होंने बताया कि वह सुबह सुशीला के घर में अखबार डालने जैसे ही पहुंचते थे गेट के पास दोनों कुत्ते भौंकते हुए आ जाते थे। गेट की ग्रिल में अखबार लगाते ही वह खींचकर ले जाते थे।
डा डीके शर्मा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी लखनऊ का कहना है, “ऐसी घटनाओं के पीछे कुछ अहम कारण ही हैं। ये कुत्ते स्वभाव से ही शिकारी और बहुत हिंसक होते हैं। ऐसे में इन्हें भोजन में मीट-मांस देना इन्हें और हिंसक बनाता है। इसके अलावा देर तक भूखा रहने पर भी यह खुद पर अपना नियंत्रण खो बैठते हैं। सबसे अहम कारण इन कुत्तों को अकेला रखना। अकेले रहने पर इनकी हिंसक प्रवृत्ति बढ़ जाती है। साइबेरियन हस्की, डाबरमैन, गोल्डन रिट्रीवर, पिटबुल, राटवीलर प्रजाति के कुत्तों को घर में पालने के दौरान सचेत रहें। इन बातों का गंभीरतापूर्वक ध्यान रखें। “