पंचांग 13 जुलाई 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

नोटः आज आषाढ़ एवं गुरू पूर्णिमा व्रत तथा व्यास पूजन, श्रीसत्यनारायण व्रत, कोकिला व्रत, श्रीशिव शयनोत्सव, वायु परीक्षा हैं।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः आषाढ़, 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः पूर्णिमा रात्रि 12.08 तक है, 

वारः बुधवार, 

नक्षत्रः पूर्वाषाढ़ा रात्रि 11.19 तक है, 

योगः ऐन्द्र दोपहर 12.44 तक।  

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

करणः विष्टि, 

सूर्य राशिः मिथुन, चंद्र राशिः धनु, 

राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.36, सूर्यास्तः 07.18 बजे।